पुष्प की अभिलाषा

पुष्प की अभिलाषा हिंदी कविता

"पुष्प की अभिलाषा" माखनलाल चतुर्वेदी की एक प्रसिद्ध कविता है, जिसमें एक पुष्प (फूल) की इच्छाओं और उसकी बलिदानी भावना का सुंदर वर्णन किया गया है। इस कविता के माध्यम…
व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास

मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले / कबीरदास स्रोत : पुस्तक : कबीर समग्र (पृष्ठ 767) रचनाकार :कबीर प्रकाशन : हिन्दी प्रचारक पब्लिकेशन प्रा.लि., वाराणसी (2001) मन मस्त हुआ तब क्यूँ बोले हीरा…
व्यक्तित्व विशेष कविता संग्रह

राम प्रसाद बिस्मिल की लिखी कविताएं

रामप्रसाद बिस्मिल एक क्रान्तिकारी थे जिन्होंने मैनपुरी और काकोरी जैसे कांड में शामिल होकर ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध बिगुल फूंका था। वह एक स्वतंत्रता संग्रामी होने के साथ-साथ एक कवि…
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श्रीकृष्ण पर कवितायें- जन्माष्टमी पर्व विशेष

श्रीकृष्ण पर कवितायें Shri Krishna हठ कर बैठे श्याम, एक दिन मईया से बोले।ला के दे-दे चंद्र खिलौना चाहे तो सब ले-ले।हाथी ले-ले, घोड़ा ले-ले, तब मईया बोली।कैसे ला दूं…
shri Krishna

सम्पूर्ण श्री कृष्ण गाथा पर कविता

सम्पूर्ण श्री कृष्ण गाथा Shri Krishna कृष्ण लीलाकाली अँधेरी रात थी ,होने वाली कुछ बात थी ,कैद में थे वासुदेव,देवकी भी साथ थीं। कृष्ण का जन्म हुआ,हर्षित मन हुआ,बंधन मुक्त…
19 फरवरी छत्रपति शिवाजी जयन्ती पर कविता

19 फरवरी छत्रपति शिवाजी जयन्ती पर कविता

शिवाजी महाराज ने 16वीं शताब्दी में डक्कन राज्यों को एक स्वतंत्र मराठा राज्य बनाया था। उन्होंने पहले हिंदू साम्राज्य की स्थापना की थी। शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ…
shri ram hindi poem.j

राम आएँगे गीत कविता हिंदी में

राम आएँगे गीत कविता हिंदी में (Ram Aayenge Lyrics In Hindi) मेरी झोपड़ी के भाग,आज जाग जाएंगे,राम आएँगे,राम आएँगे आएँगे,राम आएँगे,मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे,राम आएँगे ॥ राम आएँगे…
Hindi Poem ( KAVITA BAHAR)

सर्वश्रेष्ठ बाल कविता

सर्वश्रेष्ठ बाल कविताएँ सर्वश्रेष्ठ बाल कविता येँ बचपन के पल दिन आते रहे,दिन जाते रहे,बचपन के दोस्तदिनोंदिन मिलते रहे, नटखट कारनामेंयादों में बदलते रहे,वक़्त के तकाज़े सेसभी जुदा होते रहे,सालोंसाल…

जन-गण-मन (राष्ट्र-गान ) रवीन्द्रनाथ टैगोर

जन-गण-मन (राष्ट्र-गान ) रवीन्द्रनाथ टैगोर जन-गण मन अधिनायक जय हे!भारत भाग्य विधाता ।पंजाब सिन्ध गुजरात मराठाद्राविड़ उत्कल बंग ।विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा,उत्कल-जलधि तरंग ।तव शुभ नामे जागे,तव शुभ आशिष माँगे…

मुस्कुराकर चल मुसाफिर / गोपालदास “नीरज”

मुस्कुराकर चल मुसाफिर / गोपालदास "नीरज" कविता संग्रह पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर! वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें?हौसला वह क्या जिसे…