माखनलाल चतुर्वेदी की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

दीप से दीप जले / माखनलाल चतुर्वेदी सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलेंकर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण फलें। लक्ष्मी खेतों फली अटल वीराने मेंलक्ष्मी बँट-बँट बढ़ती आने-जाने मेंलक्ष्मी का आगमन अँधेरी रातों मेंलक्ष्मी श्रम के साथ घात-प्रतिघातों मेंलक्ष्मी सर्जन हुआकमल के फूलों मेंलक्ष्मी-पूजन सजे नवीन दुकूलों में।। गिरि, वन, नद-सागर, भू-नर्तन तेरा नित्य … Read more

महादेवी वर्मा के १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

यह सपने सुकुमार कविता |महादेवी वर्मा यह सपने सुकुमार तुम्हारी स्मित से उजले!कर मेरे सजल दृगों की मधुर कहानी,इनका हर कण हुआ अमर करुणा वरदानी,उडे़ तृणों की बात तारकों से कहने यहचुन प्रभात के गीत, साँझ के रंग सलज ले! लिये छाँह के साथ अश्रु का कुहक सलोना,चले बसाने महाशून्य का कोना कोना,इनकी गति में … Read more

उनसे मेरा प्यार महादेव की निशानी है

जब नायक नायिका से बेइन्तहां सच्ची मोहब्बत करता है उनसे मिलने का वक्त आता है तो नायिका के तरफ से कुछ विरोधी खड़े हुए तब अन्त मे नायक इस कविता के द्वारा उनके सामने खुले रुप मे आगाज करता है –