विश्व कविता दिवस – पद्मा साहू

विश्व कविता दिवस (अंग्रेजी: World Poetry Day) प्रतिवर्ष २१ मार्च को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999 में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था।

21 मार्च विश्व कविता दिवस 21 March World Poetry Day
21 मार्च विश्व कविता दिवस 21 March World Poetry Day

साहित्य की आत्मा कविता

छंद मुक्त कविता

काव्य श्रृंगार बिना साहित्य,
बेजान अधूरा सा लगता है ।
रसयुक्त काव्य जन मानस में,
भावों का संचार करता है ।
श्रृंगार,करुणा,वीर,वात्सल्य ही,
साहित्य में प्राण पल्लवित करता है ।
काव्य साहित्य की आत्मा,
काव्य से ही साहित्य सृजता है।

स्वर नाद से गुंजित काव्य,
रोम-रोम पुलकित करता है ।
रामायण, महाभारत जैसे,
महाकाव्य की रचना करता है।
काव्यहीन साहित्य बेजान सा,
रसहीन सृष्टि में नहीं उभरता है ।
शब्दालंकार की रमणीयता,
रसिक अंतर्मन में रस भरता है।

नौ रसायुक्त सृजित काव्य से,
साहित्य की शोभा बढ़ता है।
साहित्य समाज का दर्पण,
राष्ट्र का पथ प्रशस्त करता है।
संस्कृति और सभ्यता हमारी,
साहित्य में सजता संवरता है ।
काव्य साहित्य की आत्मा ,
काव्य से ही साहित्य गूंजता है ।

प्रस्फुटित होते मनोभाव उर के,
काव्य सूत्र में बंधित होता है।
इतिहास का लेखा-जोखा भी,
साहित्य में प्रतिबिंबित होता है।
ह्रदय स्पंदित कर छाप छोड़े,
वह कालजयी काव्य होता है ।
काव्य साहित्य की आत्मा,
साहित्य में परिलक्षित होता है।


रचनाकार
श्रीमती पद्मा साहू पर्वणी
खैरागढ़ छ
त्तीसगढ़

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply