आओं खेलें सब खेल
आओं खेलें सब खेल ।
बन जाओ सब रेल।
छुक छुक करते जाओ ।
सवारी लेते जाओ ।
कोई छुट ना जाए ।
हमसे रूठ ना जाए ।
सबको ले जाना जरूरी ।
तय करनी लम्बी दूरी ।
सबको मंजिल पहुंचायेंगे ।
घुम फिरकर घर आयेंगे ।
मनीभाई नवरत्न
14 नवम्बर भारत में बाल दिवस, जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन : बच्चों की कविताएँ बाल कविता कहलाती हैं। ये हिंदी में बच्चों के लिए लिखी गई कविताएँ हैं।