परिवार की खातिर ( कविता ) by neha sharma
मेरी की कविता में एक गरीब परिवार की दशा का चित्रांकन किया गया है
अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस या विश्व परिवार दिवस 15 मई को मनाया जाता है। प्राणी जगत में परिवार सबसे छोटी इकाई है या फिर इस समाज में भी परिवार सबसे छोटी इकाई है। यह सामाजिक संगठन की मौलिक इकाई है। परिवार के अभाव में मानव समाज के संचालन की कल्पना भी दुष्कर है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी परिवार का सदस्य रहा है या फिर है। उससे अलग होकर उसके अस्तित्व को सोचा नहीं जा सकता है।
मेरी की कविता में एक गरीब परिवार की दशा का चित्रांकन किया गया है
इस रचना के माध्यम से कवि परिवार की महिमा को व्यक्त कर रहा है |
परिवार – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
ख़ून के रिश्ते सम्भालो,
रिश्तों का ना ख़ून करो।।
परिवार – सिर्फ पति-पत्नी और एक-दो बच्चों से ही नहीं बल्कि परिवार पूरा खानदान होता है। हमारे खून के रिश्ते ही मिलकर एक परिवार बनता है – राकेश सक्सेना
15 मई विश्व परिवार दिवस पर लेख पढ़ने से पहले आप इस विषय पर अब तक कविता बहार में संग्रहित रचनाएँ पढ़िए :-
संस्कार नही मिलता दुकानों में – परमानंद निषाद “प्रिय” माता-पिता से मिले उपहार।हिंद देश का है यह संस्कार।बुजुर्गो का दर्द समझते नहींनहीं जानते संस्कृति- संस्कार। संस्कार दिये नहीं जाते है।समाज के भ्रष्टाचारों से।संस्कार हमको मिलता है।माता-पिता,घर-परिवार से। बुजुर्गो का सम्मान धर्म हमारा।उनकी सेवा करना कर्म हमारा।संस्कार नही मिलता दुकानों मेंयह मिलता अच्छे संस्कारों में। बुजुर्गो … Read more