गांधी जी के सपनों पर कविता

mahatma gandhi

गांधी जी के सपनों पर कविता गांधीजी के सपनों का है ये भारत,उन्नत होकर विकसित होता ये भारत।ग्रामीण परिवेश में जागरूकता बढ़ाया,स्वदेशी अपनाकर अभियान चलाया।। आर्थिक सामाजिक न्याय बताकर,गाँव के विकास को समझाया।व्यापकता की दृष्टि फैलाकर,जाति,धर्म,भाषा के भेदभाव को मिटाया।। नर-नारी को समानता दिलाकर,जीवन जीने का ढंग बताया।आमजनों को शिक्षा देकर,मानव चेतना को जागृत कराया।। … Read more

गाँधीजी पर कविता – बाबू लाल शर्मा

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गाँधीजी पर कविता भारत ने थी ली पहन, गुलामियत जंजीर।थी अंग्रेज़ी क्रूरता, मरे वतन के वीर।हाल हुए बेहाल जब, कुचले जन आक्रोश।देख दशा व्याकुल हुए, गाँधी वर मतिधीर। काले पानी की सजा, फाँसी हाँसी खेल।गोली गाली साथ ही , भर देते थे जेल।देशी राजा अधिक तर, मौज करे मदमस्त।गाँधी ने आवाज दी, कर खादी से … Read more

नायक श्री गांधी की जय

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नायक श्री गांधी की जय स्वतंत्रता  के   वीर   सिपाही,नायक  श्री  गांधी  की  जय।अनुकरणीय  कृत्य उन्नायक,जय-जय गांधी,भव्य विजय। पूज्य   प्रेरणास्रोत  महात्मा,तुम्हें  याद   हम    करते  हैं।दिव्य-मार्ग  दे दिया निराला,चलकर   पार    उतरते   हैं।सुदृढ़ जिन्दगी जीकर तुमने,स्वर्णिम   राह    दिखाई   है,‘रघुपति राघव’ गाते  है  हम,उच्च-शिखर  पर  चढ़ते  हैं। नय के पालक मोहन-गांधी,आप  कर  गये   दूर अनय। वर्ष  अठारह  सौ  उनहत्तर,दो   … Read more