हसदेव नदी बचाओ अभियान पर कविता- तोषण कुमार चुरेन्द्र “दिनकर “

hasdeo river

हसदेव नदी बचाओ अभियान पर कविता रुख राई अउ जंगल झाड़ीबचालव छत्तीसगढ़ के थाती लकोनों बइरी झन चीर सकयहसदेव के छाती ल किसम किसम दवा बूटीइही जंगल ले मिलत हेचिरइ चिरगुन जग जीव केसुग्घर बगिया खिलत हेझन टोरव पुरखा ले जुड़ेहमर डोर परपाटी लकोनों बइरी झन चीर सकयहसदेव के छाती ल चंद रुपिया खातिरकोख ल … Read more

प्रकृति विषय पर दोहे

doha sangrah

प्रकृति विषय पर दोहे सूरज की लाली करें,इस जग का आलोक।तन मन में ऊर्जा भरे,हरे हृदय का शोक।। ओस मोतियन बूँद ने,छटा बनाकर धन्य।तृण-तृण में शोभित हुई,जैसे द्रव्य अनन्य।। डाल-डाल में तेज है, पात-पात में ओज।शुद्ध पवन पाता जगत,हरियाली में रोज।। उड़कर धुंध प्रभात में,भू पर शीत बिखेर।पुण्य मनोरम दृश्य से,लिया जगत को घेर।। झूम … Read more

कुल्हाड़ी पर कविता – आशीष कुमार

कुल्हाड़ी पर कविता - आशीष कुमार

जीवन मूल्य चुकाती कुल्हाड़ी – आशीष कुमार कुल्हाड़ी तीखे नैन नक्श उसकेजैसे तीखी कटारीरुक रुक कर वार करतीतीव्र प्रचंड भारीअसह्य वेदना सह रहा विशाल वृक्षकाट रही है नन्हीं सी कुल्हाड़ी शक्ति मिलती उसको जिससेकर रही उसी से गद्दारीखट खटाक खट खटाकचीर रही नि:शब्द वृक्ष कोकाट रही अंग-अंग उसकाजिसके अंग से है उसकी यारी परंतु दोषी … Read more

प्रकृति की पीड़ा – माला पहल

Global-Warming-

मानव को प्रकृति की रक्षा के लिये सचेत करना

धरा की आह पर कविता

burning earth

प्रकृति की आह- वृक्ष, पर्वत धरा की पीड़ा और मानव को आगाह करने की चेष्टा ।