
कृष्ण रंग रंगी मीरा /अर्चना पाठक
कृष्ण रंग रंगी मीरा/ अर्चना पाठक तज महल अटारी ,कर सितार लिये गली गली श्याम संग घूमी मीरा । वीणा के तार कृष्ण दास हुये भक्ति के रंग में रंगी मीरा । पराधीनता की गहरी टीस लिये। विरक्ति के गीत…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अर्चना पाठक के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
कृष्ण रंग रंगी मीरा/ अर्चना पाठक तज महल अटारी ,कर सितार लिये गली गली श्याम संग घूमी मीरा । वीणा के तार कृष्ण दास हुये भक्ति के रंग में रंगी मीरा । पराधीनता की गहरी टीस लिये। विरक्ति के गीत…
सायली छंद में रचना चेहरादेख सकूँनसीब में कहाँबिटिया दूरबसेरा। अहसासबस तुम्हारापल-पल यादसताती रहीआज। यादआते रहेवो पल हरदमजो सुनहरेबीते। तेरीनटखट शैतानियाँमहकता रहता था।घर आँगनमेरा। अर्चना पाठक (निरंतर)अम्बिकापुर Post Views: 31
तरबूज पर बाल कविता : तरबूज़ ग्रीष्म ऋतु का फल है। यह बाहर से हरे रंग के होते हैं, परन्तु अंदर से लाल और पानी से भरपूर व मीठे होते हैं। इनकी फ़सल आमतौर पर गर्मी में तैयार होती है।…
राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। मन में…
कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार नारी की शोभा बढ़े, लगा बिंदिया माथ।कमर मटकती है कभी, लुभा रही है नाथ। कजरारी आँखें हुई, काजल जैसी रात।सपनों में आकर कहे, मुझसे मन की बात। कानों में है गूँजती, घंटी झुमकी…
उषा सुहानी लगे प्यारी उषा सुहानी लगे प्यारी मंद पवन की ठंडक न्यारी घोंसला छोड़ पंछी भागे उषाकाल नींदों से जागे । कोयल की सुन मीठी वाणी छुप छुप किया करे मनमानी शीतल मंद पवन मदमाती …