ख्वाहिशें हमसे न पूछो-बाबू लाल शर्मा “बौहरा”

ख्वाहिशें हमसे न पूछो-बाबू लाल शर्मा “बौहरा” ख्वाहिशें हमसे न पूछो,ख्वाहिशों का जोर है,तान सीना जो अड़े है,वे बहुत कमजोर हैं।आज जो बनते फिरे वे ,शाह पक्के चोर हैं,ख्वाहिशें हमसे न पूछो,ख्वाहिशों का जोर है। ख्वाहिशें सैनिक दबाए,जो बड़ा बेजार है,जूझ सीमा पर रहा जो,मौत का बाजार है।राज के आदेश बिन ही,वह निरा कमजोर है,ख्वाहिशें … Read more

वतन है जान से प्यारा -बाबू लाल शर्मा,बौहरा, विज्ञ

वतन है जान से प्यारा -बाबूलाल शर्मा बौहरा विज्ञ सितारे साथ होते तो,बताओ क्या फिजां होती।सभी विपरीत ग्रह बैठे,मगर मय शान जिन्दा हूँ। गिराया आसमां से हूँ,जमीं ने बोझ झेला है।मिली है जो रियायत भी,नहीं,खुद से सुनिन्दा हूँ। न भाई बंधु मिलते है,सगे सम्बन्ध मेरे तो,न पुख्ता नीड़ बन पाया,वही बेघर परिन्दा हूँ। किया जाने … Read more

प्रीत पुरानी-बाबू लाल शर्मा

प्रीत पुरानी १६ मात्रिक मुक्तक थके नैन रजनी भर जगते,रात दिवस तुमको है तकतेचैन बिगाड़ा, विवश शरीरी,विकल नयन खोजे से भगते। नेह हमारी जीवन धारा।तुम्हे मेघ मय नेह निहारा।वर्षा भू सम प्रीत अनोखी,मन इन्द्रेशी मोर पुकारा। पंथ जोहते बीते हर दिन,तड़पें तेरी यादें गिन गिन।साँझ ढले मैं याद करूँ,तो,वही पुरानी आदत तुम बिन। यूँ ही … Read more

कवि का धर्म निभाना – बाबू लाल शर्मा

विश्व कविता दिवस (अंग्रेजी: World Poetry Day) प्रतिवर्ष २१ मार्च[1] को मनाया जाता है। यूनेस्को ने इस दिन को विश्व कविता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा वर्ष 1999[2] में की थी जिसका उद्देश्य को कवियों और कविता की सृजनात्मक महिमा को सम्मान देने के लिए था। कवि का धर्म निभाना है . ककुभ … Read more

नारी रत्न अमूल्य धरा पर(चौपाई छंद)

नारी रत्न अमूल्य धरा पर (चौपाई छंद) नारी रत्न अमूल्य धरा पर।ईश्वर रूप सकल सचराचर।।राम कृष्ण जन्माने वाली।सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली।।१.बेटी बहिन मात अरु दारा।हर प्रतिरूप मनुज उद्धारा।।नारी जग परहित तन धारी।सुख दुख पीड़ा सहे दुधारी।।२.द्वय घर की सब जिम्मेदारी।बिटिया वहन करे वह सारी।।पढ़ी लिखी जब होती नारी।दो दो घर बनते संस्कारी।।३.शान मान अरमान … Read more