ख्वाहिशें हमसे न पूछो-बाबू लाल शर्मा “बौहरा”
ख्वाहिशें हमसे न पूछो-बाबू लाल शर्मा “बौहरा” ख्वाहिशें हमसे न पूछो,ख्वाहिशों का जोर है,तान सीना जो अड़े है,वे बहुत कमजोर हैं।आज जो बनते फिरे वे ,शाह पक्के चोर हैं,ख्वाहिशें हमसे न पूछो,ख्वाहिशों का जोर है। ख्वाहिशें सैनिक दबाए,जो बड़ा बेजार है,जूझ सीमा पर रहा जो,मौत का बाजार है।राज के आदेश बिन ही,वह निरा कमजोर है,ख्वाहिशें … Read more