हरतालिका पर कविता

हरतालिका वर्षा में मन भावन,माह भाद्रपद पावन,उमा सा सुहाग संग,चाहे तिय बालिका। तृतीया शुक्ल पक्ष में,नक्षत्र हस्त कक्ष में,पूजे सबलाएँ सत्य,पार्वती प्रणपालिका। धारती कठोर प्रण,निर्जला चखे न तृण,पूर्ण दिन रात व्रती,तीज हरतालिका। नीलकण्ठ हैं अघोरी,उमा ही भवानी गौरी,धारती विविध रूप,दुष्ट हेतु कालिका।. —+—✍©बाबू लाल शर्मा, बोहरा, विज्ञसिकन्दरा, दौसा, राजस्थान

तीजा पोरा के दिन आगे

तीजा पोरा के दिन आगे तीजा पोरा के दिन आगे चलो मइके दुआरी माउहाँ दाई डहर देखे अपन चढ़के अटारी मा । गुड़ी मा बैठ के रद्दा निहारत हे बिहनिया लेलगे होही मया मारे सियनहा संग चारी मा । मया सुतरी ह लामे हे बिताए जम्मो घर डेराखुशी के दिन जहुँरिया के लेहे आही सवारी … Read more

आगे आगे तीजा तिहार आगे – मनीभाई नवरत्न

आगे आगे तीजा तिहार आगे - मनीभाई नवरत्न

आगे आगे तीजा तिहार आगे – मनीभाई नवरत्न ऐ दीदी ओ,  ऐ बहिनी ओ।आगे आगे तीजा तिहार आगे।। सावन भादों सुख के देवय्या।झमाझम बादर चले पुरवय्या।।डारा पाना ह सबो हरियागे।आगे आगे तीजा तिहार आगे।। झूलेना बने हे  सुग्घर पटनी।धरे रहव जी दवरा के गठनी।ठेठरी खुरमी अउ खारा कटनी।भजिया सुहाथे लहसून के चटनी।नोनी बाबू ऐदे खाये … Read more

तीज पर कविता – चौपाई छंद

तीज पर कविता – चौपाई छंद _बाबूलालशर्मा,विज्ञ_ वर्षा ऋतु सावन सुखदाई।रिमझिम मेघ संग पुरवाई।।मेह अमा हरियाली लाए।तीज पर्व झूले हरषाए।। झूले पटली तरुवर डाली।नेह डोर सखियाँ दे ताली।।लगे मेंहदी मने सिँजारा।घेवर संग लहरिया प्यारा।। झूला झूले नारि कुमारी।गाए गीत नाचती सारी।।करे ठिठोली संग सहेली।हँसे हँसाए तिय अलबेली।। झूले पुरुष संग सब बच्चे।पींग बढ़ाते लगते सच्चे।।धीर … Read more

भादों के अंजोरी म आगे तीजा तिथि – मनीभाई नवरत्न

भादों के अंजोरी म आगे तीजा तिथि - मनीभाई नवरत्न

भादों के अंजोरी म आगे तीजा तिथि सूत बिहनिया उठके , मय करव अस्नान ।पार्वती ओ मैंइया तोरे हावे मोला धियान ।जइसन पाये तय अपन भोला भगवान।वइसन पावव हरजनम, मय अपन गोसान। लाली चौकी फबेहे, सुग्घर भुइयां भित्ति।भादों के अंजोरी म, आगे तीजा तिथि।आसन बिराजे हे, भोलेबाबा पारबती।भादों के अंजोरी म, आगे तीजा तिथि। सोला … Read more