पेरा ल काबर लेसत हो
पेरा ल काबर लेसत हो तरसेल होथे पाती – पाती बर, येला काबरा नइ सोचत हो!ये गाय गरुवा के चारा हरे जी , पेरा ल काबरा लेसत हो !! मनखे खाये के किसम-किसम के, गरुवा बर केठन हावे जी !पेरा भुसा कांदी चुनी झोड़ के, गरुवा अउ काय खावे जी !!धान लुआ गे धनहा खेत … Read more