छतीसगढ़ दाई

छतीसगढ़ दाई चंदन समान माटीनदिया पहाड़ घाटीछतीसगढ़ दाई। लहर- लहर खेतीहरियर हीरा मोतीजिहाँ बाजे रांपा-गैंतीगावै गीत भौजाई। भोजली सुआ के गीतपांयरी चूरी संगीतसरस हे मनमीतसबो ल हे सुहाई। नांगमोरी,कंठा, ढारकरधन, कलदारपैंरी,बहुँटा श्रृंगारपहिरे बूढ़ीदाई । हरेली हे, तीजा ,पोराठेठरी खुरमी बरानांगपुरी रे लुगरापहिरें दाई-माई। नांगर के होवै बेराखाये अंगाकर मुर्राखेते माँ डारि के डेराअर तत कहाई। … Read more

हिन्दी कुण्डलियाँ: ऊर्जा संरक्षण

हिन्दी कुण्डलियाँ: ऊर्जा संरक्षण (1)ऊर्जा सदा बचाइये,सीमित यह भंडार।धरती का वरदान है,जग विकासआधार। जग विकास आधार ,समझ कर इसे खरचना।बढ़े नहीं यह और ,सोचकर सभी बरतना। गीता सुन यह बात,चले सब दिन कल-पुर्जा।होगा संभव तभी,रहे जब रक्षित ऊर्जा।। (2)सूरज ऊर्जा पुंज है,इसका हो उपभोग।ऊर्जा संरक्षण करें,ले इसका सहयोग।। ले इसका सहयोग,चलायें सब कल पुर्जे।बचें गैस … Read more

भारत गर्वित आज पर्व गणतंत्र हमारा

Happy Republic day

भारत गर्वित आज पर्व गणतंत्र हमारा धरा हरित नभ श्वेत, सूर्य केसरिया बाना।सज्जित शुभ परिवेश,लगे है सुभग सुहाना।।धरे तिरंगा वेश, प्रकृति सुख स्वर्ग लजाती।पावन भारत देश, सुखद संस्कृति जन भाती।। भारत गर्वित आज,पर्व गणतंत्र हमारा।फहरा ध्वज आकाश,तिरंगा सबसे प्यारा।।केसरिया है उच्च,त्याग की याद दिलाता।आजादी का मूल्य,सदा सबको समझाता।। सिर केसरिया पाग,वीर की शोभा होती।सब कुछ … Read more

द्वादश ज्योतिर्लिंग

प्रस्तुत कविता शिव द्वादश ज्योतिर्लिंग पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

ऊर्जा संरक्षण 

ऊर्जा संरक्षण           (1)ऊर्जा सदा बचाइये,सीमित यह भंडार।धरती का वरदान है,जग विकासआधार। जग विकास आधार ,समझ कर इसे खरचना।बढ़े नहीं यह और ,सोचकर सभी बरतना। गीता सुन यह बात,चले सब दिन कल-पुर्जा।होगा संभव तभी,रहे जब रक्षित ऊर्जा।।             (2)सूरज ऊर्जा पुंज है,इसका हो उपभोग।ऊर्जा संरक्षण करें,ले … Read more