परिश्रम का बीज

परिश्रम का बीज मेहनत हर ईमान कीयूँ ऐसे रंग लाएगी।व्यर्थ में सूखे बीज सेभी हरितक्रांति आएगी। सोच-खोज कब कौन चलानियमित पथ हर रोज ढ़ला।जिंदा आग जला के देखमरके तो हर मुर्दा जला। धुंआ बन जब नीर उड़ेप्यास तभी बुझ पाएगी।व्यर्थ में सूखे बीज सेभी हरितक्रांति आएगी। है धूप उजाला साया कासच संगत की काया का।तू … Read more

अपना प्यारा बीटीआई

यह कविता मैंने अपने साथ पढ़ रहे बी टी आई के दोस्तों के याद में लिखी थी जब हमने सोशल मीडिया में ग्रुप बनाया

अगर करो तुम वादा मुझसे

अगर करो तुम वादा मुझसे मरुधर में भी फूल खिलादूँपर्वत को भी धूल बनादूँअगर करो तुम वादा मुझसेप्राण ! मेरे संग चलने का । हँस-हँसकर शूल चुनूँ पथ केपलकों की नाजुक उँगली सेबणीठणी-सा चित्र उकेरूंमग पर करुणा कजली से डगर-डगर की प्यास बुझादूँराहों की भी आह मिटादूँअगर करो तुम वादा मुझसेजलद ! मेरे संग गलने … Read more

कैसे कहदूँ प्यार नहीं है ?

कैसे कहदूँ प्यार नहीं है ? कैसे कहदूँ प्यार नहीं है ?वह मेरी झंकार नहीं है ? बिन बाती क्या दीप जला है ?कहीं रेत बिन बीज फला है ?कैसा सागर नदी नहीं तोजलद कहाँ जो धार नहीं है ? कैसे कहदूँ ……………… देखा विधु को बिना जुन्हाई ?प्रीत बिना खिलती तरुणाई ?शुष्क मरुस्थल-सा है … Read more

मोर छत्तीसगढ़ महतारी

मोर छत्तीसगढ़ महतारी मोर छत्तीसगढ़ महतारी,तोर अलग हे चिनहारी!देवता धामी ऋषि मुनि मन,तप करीन इहाँ भारी!! आनी बानी के रतन भरे हे ,इहाँ के पावन माटी म !मया पिरती बढ़त रहिथे ,गिल्ली डंडा अऊ बांटी म !!नांगमुरी करधनिया संग म ,दाई गोड़ म पहिरे सांटी ….. भिलाई कोरबा बैलाडीला म,बड़़े – बड़े कारखाना हे !कटकट – कटकट डोंगरी … Read more