मदिरा मंंदिर एक सा- रामनाथ साहू ” ननकी “

मदिरा मंंदिर एक सा मदिरा का पर्याय है , माधव मोहन प्यार ।कभी कहीं उतरे नहीं , छके भरे रससार ।।छके भरे रससार , प्रेमरस पीले पगले ।क्या जाने कल वक्त , मिले या आगे अगले ।।कह ननकी कवि तुच्छ , पिया था जिसे कबिरा ।मदिरालय मन मस्त , पिये जा माधव मदिरा ।। मदिरा … Read more

किसान (कुण्डलिया)-मदन सिंह शेखावत

किसान (कुण्डलिया) खेती खुशियो की करे, बोए प्रेम प्रतीत।निपजाता मोती बहुत, सुन्दर आज अतीत।सुन्दर आज अतीत,पेट कब वह भर पाता।हालत बहुत खराब, दीन है अन्न प्रदाता।कहे मदन करजोर, ध्यान कृषकों का देती।होता वह सम्पन्न, करे खुशियो की खेती।। मदन सिंह शेखावत ढोढसर

शिक्षक जग विख्यात है करे राष्ट्र निर्माण

डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे भारत जैसे महान् राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उनका जन्म दिवस ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। “शिक्षक दिवस मनाने का यही उद्देश्य है कि कृतज्ञ राष्ट्र अपने शिक्षक राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के प्रति अपनी असीम श्रद्धा … Read more

मन का मंथन – रामनाथ साहू ” ननकी “

मन का मंथन मंथन मानस का करो , जानो सत्य असत्य ।कहाँ गुमी हैं मंजिलें , बूझ दिशा क्या गत्य ।।बूझ दिशा क्या गत्य , लक्ष्य से कब है छूटा ।भटका अपने मूल , स्वार्थ में किसको लूटा ।।कह ननकी कवि तुच्छ , आत्म का कर अभिनंदन ।निकले सब अपद्रव्य , सफल हो मानस मंथन … Read more

ऊर्जा संरक्षण 

ऊर्जा संरक्षण           (1)ऊर्जा सदा बचाइये,सीमित यह भंडार।धरती का वरदान है,जग विकासआधार। जग विकास आधार ,समझ कर इसे खरचना।बढ़े नहीं यह और ,सोचकर सभी बरतना। गीता सुन यह बात,चले सब दिन कल-पुर्जा।होगा संभव तभी,रहे जब रक्षित ऊर्जा।।             (2)सूरज ऊर्जा पुंज है,इसका हो उपभोग।ऊर्जा संरक्षण करें,ले … Read more