चाँद पर कविता

moon

चाँद, पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जो रात के आकाश में एक चमकदार और मोहक वस्तु के रूप में चमकता है। इसकी सतह पर बहुत सारे गड्ढे, पर्वत और समतल क्षेत्र हैं, जो इसे एक अद्वितीय और सुंदर दृश्य प्रदान करते हैं। चाँद की उपस्थिति पर विभिन्न संस्कृतियों में गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ … Read more

मनोरमा चंद्रा के दोहे

doha sangrah

मनोरमा चंद्रा के दोहे मिथ्या मिथ्या बातें छोड़कर, सत्य वचन नित बोल।दुनिया भर में यश बढ़े, बनें जगत अनमोल ।। अपने मन में ठान कर, मिथ्या का कर त्याग।जीवन कटे शुकून से, समय साथ लो जाग।। सत्य झूठ में भेद अति, करलो सच पहचान।जीवन में हो सत्यता, बनो श्रेष्ठ इंसान।। झूठा बनकर सामने, खड़ा हुआ … Read more

श्री नाथ की स्तुति – डॉ मनोरमा चंद्रा रमा

यहां पर कवियत्री डॉ मनोरमा चंद्रा रमा द्वारा रचित कविता श्रीनाथ की स्तुति आपके समक्ष प्रस्तुत है श्री नाथ की स्तुति स्तुति कर श्री नाथ की, कृपा मिले भगवंत।कण-कण ईश विराजते, उनका आदि न अंत।। मिले प्रशंसा खास तो, रहना शुक्र गुजार।नम्र भावना से सदा, करें प्रकट आभार।। ध्यान धरे मन अर्चना, स्तुति पावन भाव।भक्ति … Read more

कमल पर दोहे

doha sangrah

प्रस्तुत कविता डॉ. मनोरमा चन्द्रा ‘रमा’ रायपुर (छ.ग.) द्वारा रचित है जिसे दोहा छंद विधा में लिखा गया है। यहां पर कमल पुष्प के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। कमल पर दोहे विधा — दोहा छंदशीर्षक — “कमल” कमल विराजे हरिप्रिया, देती धन वरदान।धन्य हुआ मकरंद अति, अपना गौरव जान।। खिलते जल … Read more

अभिमान पर दोहे

doha sangrah

प्रस्तुत हिंदी कविता ” अभिमान ” कवयित्री मनोरमा चंद्रा’रमा‘ के द्वारा दोहा — छंद में रची गई है। इस कविता में कवयित्री ने माया , धन वैभव की निस्सारता, जाति धर्म भेदभाव पर भी बात रखी है। अभिमान पर दोहे मन में निश्छलता रहे, छोड़ चलें अभिमान।श्रेष्ठ जीत के भ्रम पड़े, खोना मत पहचान।। माया … Read more