
अभिमान पर दोहे
प्रस्तुत हिंदी कविता ” अभिमान ” कवयित्री मनोरमा चंद्रा’रमा‘ के द्वारा दोहा — छंद में रची गई है। इस कविता में कवयित्री ने माया , धन वैभव की निस्सारता, जाति धर्म भेदभाव पर भी बात रखी है। अभिमान पर दोहे…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0मनोरमा चन्द्रा रमा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
प्रस्तुत हिंदी कविता ” अभिमान ” कवयित्री मनोरमा चंद्रा’रमा‘ के द्वारा दोहा — छंद में रची गई है। इस कविता में कवयित्री ने माया , धन वैभव की निस्सारता, जाति धर्म भेदभाव पर भी बात रखी है। अभिमान पर दोहे…
बहार शब्द पर दोहा रंग बिरंगे फूल से , छाए बाग बहार ।भौरें भी मदमस्त हो , झूमे मगन अपार ।। रखें भरोसा ईश पर , जीवन हो उजियार ।सदा प्रतिष्ठा मान से , छाए हर्ष बहार ।। घर में खुशी…
मेरे भारत देश है श्रेष्ठ गुणों की खान -मनोरमा चन्द्रा “रमा” मन में अभिलाषा भरी, सभी बने विद्वान। मेरे भारत देश है, श्रेष्ठ गुणों की खान।। शांति नाद गूँजे सदा, सबका हो अरमान। सत्य, अहिंसा मार्ग चल, वही श्रेष्ठतम जान।।…
करो लोकहित तुम मनुज जब तक तन में प्रान देश सदा उन्नति करे ,मन में लेना ठान ।करो लोकहित तुम मनुज ,जब तक तन में प्रान ।। है स्वतंत्र यह देश है ,बनो नहीं अंजान ।निर्भर होना छोड़ तू,इसकी बन…
मनोरमा चन्द्रा रायपुर: रमा के रमणीय बोल ----
07/09/2020
दोहा -- छंद
अनुभूति भाव पर कविता दृश्य देख अनुभूति से , आया अब विश्वास ।अपने उन्नति के लिए , लोग करे ठग रास ।। जिसका अनुभव है तुझे , …
भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…
साधना पर कविता करूँ इष्ट की साधना,कृपा करें जगदीश।पग पग पर उन्नति मिले,तुझे झुकाऊँ शीश।। योगी करते साधना,ध्यान मगन से लिप्त।बनते ज्ञानी योग से,दूर सभी अभिशिप्त ।। जो मन को हैं साधते,श्रेष्ठ उसे तू जान।दुनिया के भव जाल में,फँसे नहीं…
वक्त ने सितम क्या ढाया है यह कैसी बेवसी है ,कैसा वक्त,अपनी हद में रह कर भी सजा पाईचाहा ही क्या था फ़कत दो गज जमीन ,वो भी न मिली और महाभारत हो गयी।चाहा ही क्या था बस अपना हक…