नव सुर-दात्री

नव सुर-दात्री,नव लय-दात्रीनव – गान मयी,नव तान – मयी।        देवी मैं हूँ  अति अज्ञानी       नहीं है जग में   तुमसा  दानी        माँ! दान दो नव अक्षरो  का       माँ दान दो नवलय  स्वरो का जग- सृष्टा की मानस – कन्याबुद्धि दाता  न तुझसी अन्या।।          शारदे! वागेश-  वीणा – धारणी          भारती! भारत- सुतों की तारणी          नव … Read more

जय जय वरदानी

जय जय वरदानी जयति मातु जय जय वरदानी।सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।नित नित ध्यान करूँ मैं माता।तुम सब जन की भाग्य विधाता।। मातु ज्ञान की तुम हो सागर।जगत ज्ञान से करो उजागर।।सदा मातु बसना तुम वाणी।जय जय वंदन वीणापाणी।।           …..भुवन बिष्ट

सरस्वती -वन्दना

सरस्वती -वन्दना जनप्रिय माँ जनोपकारणीजग जननी, जल जीवधारणी।स्वर्णिम ,श्वेत, धवल साडी़ मेंचंचल, चपल,चकोर चक्षुचारणी। ज्ञानवान सारा जग करती माँअंधकार, अज्ञान सदैव हारणीविद्या से करती,जग जगमगगुह्यज्ञान,गेय,गीत,  गायनी। सर्व सुसज्जित श्रेष्ठ साधना सुन्दरहर्षित, हंस-वाहिनी,वीणा वादिनीकर कृपा,करूणा, कृपाल,कब कैसे,पल में हीरक—रूप– प्रदायिनी। मूर्त ममतामय,ममगात मालती,जब भटके,तम में माँ तुम्ही संवारिणी,कितने कठिन, कष्ट कलुषित झेले माँ,मार्ग प्रकाशित करदे माँ,मोक्षदायिनी। … Read more

वाणी वन्दना

वाणी वन्दना    निर्मल करके तन_ मन सारा,   सकल विकार मिटा दो माँ,    बुरा न कहे माँ किसी को भी    विनय यह स्वीकारो  माँ।      अन्दर  ऐसी ज्योति जगाओ      हर  जन का   उपकार करें,       मुझसे यदि त्रुटि कुछ हो जाय       उनसे मुक्ति दिलाओ  माँ।        प्रज्ञा  रूपी किरण पुँज तुम        हम तो निपट  अज्ञानी है,         हर दो … Read more

वीणापाणि सरस्वती पर हिंदी में कविता

यहाँ पर वीणापाणि सरस्वती पर हिंदी में कविता लिखी गयी है जिसमे कवि ने माँ सरस्वती का गुणगान किया है. वीणापाणि सरस्वती पर हिंदी में कविता हे वीणापाणि माँ सरस्वतीतुम ज्ञान के सुर पिरोती माँमैं ठहरा अज्ञानी बालकतुम तो हो ज्ञान की ज्योति माँ स्वागत करूँ मैं तेरा दिल सेकरके हंस सवारी आती माँभाग्य मेरा … Read more