मन पर कविता

मन पर कविता सोचा कुछहो जाता कुछ हैमन के ही सब सोचमन को बांध सका न कोईमन खोजे सब कोय।।⭕हल्के मन से काम करो तोसफल रहे वो कामबाधा अगर कोई आ जायेबाधित हो हर काम।।⭕मन गिरे तन मुरझायेवैद्य काम नही आयेगाँठे मन गर कोई खोलेसच्चा गुरु वो कहाये।।⭕मन के ही उद्गम स्रोत सेउपजे सुख व … Read more

मन की व्यथा

मन की व्यथा इस निर्मोही दुनिया में कूट-कूट कर भरा कपट कहाँ फरियाद लेकर जाऊँ मैं किसके पास लिखाऊँ रपट जिसे भी देखो इस जहाँ में भगा देता है मुझे डपट शांति नहीं अब इस जीवन में कहाँ बुझाऊँ मन की लपट जो भी था मेरे पास में सबने लिया मुझसे झपट रिश्तों की जमा … Read more

मन की अभिलाषा

मन की अभिलाषा वेदना का हो अंत फिर आए जीवन में बसंत मन की प्रसन्नता हो अनंत दुःख का पूर्णविराम हो मन में न कोहराम हो। आस का पंक्षी सहन पाए उड़ने को पूरा गगन पाए दुविधा में न क्षण लुटाए मन का मधूर सुर तान हो मन में न कोहराम हो। संघर्ष का मार्ग … Read more

मन पर कविता

मन पर कविता मन सरिता बहाती कलकल स्वछन्द वेग से तेरी स्मृतियों का जल। मन सरिता की गहराई अथाह तेरी स्मृतियों का ही रखरखाव। मन सरिता की लहरें अशांत कभी न चाहे तेरी स्मृतियों का अंत। मन सरिता का जहाँ भी मोड़ तेरी स्मृति का ही एक छोर। मन सरिता की अतृप्त प्यास तेरी स्मृति … Read more

मनुष्य का मन- ताज मोहम्मद

प्रस्तुत हिंदी कविता का शीर्षक मनुष्य का मन जोकि ताज मोहम्मद है. इसे मानव जीवन को आधार मानकर रची गयी हैं”.