Tag *स्त्री पर कविता

नारी रत्न अमूल्य धरा पर(चौपाई छंद)

नारी रत्न अमूल्य धरा पर (चौपाई छंद) नारी रत्न अमूल्य धरा पर।ईश्वर रूप सकल सचराचर।।राम कृष्ण जन्माने वाली।सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली।।१.बेटी बहिन मात अरु दारा।हर प्रतिरूप मनुज उद्धारा।।नारी जग परहित तन धारी।सुख दुख पीड़ा सहे दुधारी।।२.द्वय घर की सब…

छत्तीसगढ़ी कविता – तरिया घाट के गोठ

( यह कविता कुछ ग्रामीण महिलाओं के स्वभाव को दर्शाती है जहाँ उनकी दिखावटीपन, आभूषण प्रियता, बातूनीपन  और  कुछ अनछुए पहलू को बताने की कोशिश की गई है ।)

ओ नारी- मनीभाई नवरत्न

ओ नारी- मनीभाई नवरत्न जिन्दगी चले ना, बिन तेरे ओ नारी!उठा ली तूने,  सिर अपने  ऐसी जिम्मेदारी । मर्दों ने नाहक किये खुद पे ऐतबार ।सच तो यह है कि नारी होती जग की श्रृंगार ।महक ऐसे , फूल जैसे…

हे नारी तू खास है

चोका:- नारी तू खास है★★★★★ हर युद्ध काजो कारण बनतालोभ, लालचकाम ,मोह स्त्री हेतुपतनोन्मुखइतिहास गवाहस्त्री के सम्मुखधाराशायी हो जाताबड़ा साम्राज्यशक्ति का अवतारनारी सबला।स्त्री चीर हरण सेकौरव नाशमहाभारत कालरावण अंतसीता हरण करस्त्री अपमानहर युग का अंत।आज का दौरनारी सब पे भारीगर…

स्त्री एक दीप-डॉ. पुष्पा सिंह’प्रेरणा’

स्त्री एक दीप स्त्री बदलती रहीससुराल के लिएसमाज के लिएनए परिवेश मेंरीति-रिवाजों मेंढलती रही……स्त्री बदलती रही! सास-श्वसुर के लिए,देवर-ननद के लिए,नाते-रिश्तेदारों के लिएपति की आदतों को न बदल सकीखुद को बदलती रही! इतनी बदल गयी किखुद को भूल गयी!फिरभी किन्तु…

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे नारी से है सुख  मिला, नारी से सम्मान।बिन नारी घर घर नही, लगता है सुनसान ।।1 नारी को सम्मान दो, नारी मात समान ।नारी से घर स्वर्ग है, सब पर देती जान ।।2 बिन घरनी…