शंकर पर कविता
प्रस्तुत कविता शंकर पर कविता आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० प्रवीण त्रिपाठी के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
प्रस्तुत कविता शंकर पर कविता आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
गांधी जी के सपनों पर कविता गांधीजी के सपनों का है ये भारत,उन्नत होकर विकसित होता ये भारत।ग्रामीण परिवेश में जागरूकता बढ़ाया,स्वदेशी अपनाकर अभियान चलाया।। आर्थिक सामाजिक न्याय बताकर,गाँव के विकास को समझाया।व्यापकता की दृष्टि फैलाकर,जाति,धर्म,भाषा के भेदभाव को मिटाया।। नर-नारी को समानता दिलाकर,जीवन जीने का ढंग बताया।आमजनों को शिक्षा देकर,मानव चेतना को जागृत कराया।। … Read more
होलिका दहन पर कविता मधुमासी ऋतु परम सुहानी, बनी सकल ऋतुओं की रानी।ऊर्जित जड़-चेतन को करती, प्राण वायु तन-मन में भरती।कमल सरोवर सकल सुहाते, नव पल्लव तरुओं पर भाते।पीली सरसों ले अंगड़ाई, पीत बसन की शोभा छाई। वन-उपवन सब लगे चितेरे, बिंब करें मन मुदित घनेरे।आम्र मंजरी महुआ फूलें, निर्मल जल से पूरित कूलें।कोकिल छिप … Read more