कारगिल के शहीदों को नमन करते हुए कविता

कारगिल के शहीदों को नमन करते हुए कविता वतन के हिफाजत के लिए त्याग दिये अपने प्राण। तुमनें आह तक नहीं किये त्यागते समय अपने प्राण।। सीने में गोली खा के हो गये देश के लिए शहीद। मुख में था मुस्कान गोली खा के भी बोले जय हिंद।। मेरे वतन के जांबाज सिपाहियों तुमको शत् … Read more

महारानी दुर्गावती बलिदान दिवस कविता

महारानी दुर्गावती बलिदान दिवस कविता महारानी दुर्गावती अबला नहीं,वो तो सबला थी।महारानी तो गोंड़वाना से निकली हुई ज्वाला थी।। चंदेलों की बेटी थी,गोंड़वाना की महारानी थी।चंडी थी,रनचंडी थी,वह दुर्गावती महारानी थी।। अकबर के विस्तारवादी साम्राज्य के चुनौती थी।गढ़ मंडला के राजा दलपत शाह के धर्म पत्नी थी।। महारानी दुर्गावती साहस, वीरता की बलिदानी थी। प्रजा … Read more

घाम के महीना छत्तीसगढ़ी कविता

घाम के महीना छत्तीसगढ़ी कविता नदिया के तीर अमरइया के छांव हे।अब तो बिलम जा कइथव मोर नदी तीर गांव हे।। जेठ के मंझनिया के बेरा म तिपत भोंमरा हे।खरे मंझनिया के बेरा म उड़त हवा बड़ोरा हे।। बिन पनही के छाला परत तोर पांव हे।मोर मया पिरित के तोर बर जुर छांव हे।। खोर … Read more