माँ पर दोहे- राजकिशोर धिरही

mother their kids

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ पर दोहे असली माँ जो जन्म दे,बड़ा करे हर हाल।उनकी सेवा रोज हो,खूब सजा कर थाल।। शिशु को … Read more

रास नहीं क्यों आता है-राजकिशोर धिरही

रास नहीं क्यों आता है शौचालय का अभियान चला,वंचित घर रह जाता है।बाहर जाते बच्चे उनके,रास नहीं क्यों आता है जाति भेद को करते रहते,जलते रहते बढ़ने सेटाँग अड़ाते फिरते रहते,रोका करते पढ़ने से चाँद पर जा रही है दुनिया,बैरी के मन काले हैंखुले में शौच करने से ही,हत्या कर डाले हैं रंजिश रखते हैं … Read more

गाय सड़क पर- राजकिशोर धिरही

गाय सड़क पर गाय सड़क पर देख के,हो जाते हम मौन।लक्ष्मी अब माने नहीं,पाले इनको कौन।। दुर्घटना अब रोज ही,करते मानव हाय।बस बाइक कैसे चले,सड़कों पर है गाय।। पालन पोषण बंद है,ले कर दौड़े बेत।गाय बैल अब चर रहें,घूम घूम कर खेत।। घर लगते टाइल्स ही,पशु पालन है बंद।बाहर से ले दूध को,कैल्शियम रहे मंद।। … Read more

रक्त दान पर दोहे

रक्त दान पर दोहे रक्त दान हम सब करे,तन को चंगा पाय।खुद को होवे लाभ जी,दूसर जान बचाय।। डॉक्टर हर दिन ये कहे,मानव होत महान।पर हितकारी ध्यान में,करे रक्त का दान।। जान बचे है तीन की,दान करे जब एक।भले काम को सब करे,कहते बात हरेक।। नर नारी के देह में,दस यूनिट का रक्त।ए बी सी … Read more

कागा की प्यास

कागा की प्यास कागा पानी चाह में,उड़ते लेकर आस।सूखे हो पोखर सभी,कहाँ बुझे तब प्यास।।कहाँ बुझे तब प्यास,देख मटकी पर जावे।कंकड़ लावे चोंच,खूब धर धर टपकावे।।पानी होवे अल्प,कटे जीवन का धागा।उलट कहानी होय,मौत को पावे कागा।। कौआ मरते देख के,मानव अंतस नोच।घट जाए जल स्रोत जो,खुद के बारे सोच।।खुद के बारे सोच,बाँध नदिया सब भर … Read more