गुरू पूर्णिमा पर कविता -तोषण चुरेन्द्र दिनकर

गुरू पूर्णिमा पर कविता नित्य करें हम साधना,रखें हृदय के पास।ज्ञान रुपी आशीष से,जीवन हो मधुमास।।१।। गुरुवर की पूजा करें,गुरु ही देते ज्ञान।जिनके ही आशीष से,मिले अचल सम्मान।।२।। गुरू नाम ही साधना,साधक बनकर साध।जिनके सुमिरण से सदा,कटे कोटि अपराध।।३।। बनकर रहते सारथी,गढ़ते नित नव राह।जो भी मन की बात हो,पूरी करते चाह।।४।। गुरु महिमा नित … Read more

आम फल पर बाल कवितायेँ

यहाँ पर आम फल पर 3 कवितायेँ प्रस्तुत हैं जो कि बाल कवितायेँ हैं नाम मेरा आम नाम मेरा आम है,हूं फिर भी खास।खाते मुझको जो,पा जाते है रास। रूप मेरे है अनेक,सबके मन भाता।देख देख मुझे सब,परमानंद को पाता। घर घर मेरी शाख,बनता हूं आचार।लू में सिरका बनूँ,दे शीतल बयार। खट्टे मीठे स्वाद है,मुह … Read more

हसदेव नदी बचाओ अभियान पर कविता- तोषण कुमार चुरेन्द्र “दिनकर “

hasdeo river

हसदेव नदी बचाओ अभियान पर कविता रुख राई अउ जंगल झाड़ीबचालव छत्तीसगढ़ के थाती लकोनों बइरी झन चीर सकयहसदेव के छाती ल किसम किसम दवा बूटीइही जंगल ले मिलत हेचिरइ चिरगुन जग जीव केसुग्घर बगिया खिलत हेझन टोरव पुरखा ले जुड़ेहमर डोर परपाटी लकोनों बइरी झन चीर सकयहसदेव के छाती ल चंद रुपिया खातिरकोख ल … Read more

रामनिवास बने अतिसुंदर / तोषण कुमार चुरेन्द्र ‘दिनकर’

Jai Sri Ram kavitabahar

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। रामनिवास बने अतिसुंदर / तोषण कुमार चुरेन्द्र ‘दिनकर’ राम का राज आएगा फिर से कि,धीरज धार बनाए … Read more

पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र

पेड़ लगावव जिनगी बचावव-तोषण कुमार चुरेन्द्र रूख राई डोंगरी पहाड़ी रोवत हे पुरजोर…हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. पेड़ लगावव जिनगी बचाववधरती दाई के प्यास बुझाववनदिया नरवा सूख्खा परगे,अब तो थोरिक चेत लगावव गली मुहल्ला सुन्ना परगे सुन्ना होगे गा खोर….हावा पानी कहाँ ले पाबो करलव भैय्या शोर…. कोरोना के कहर चलत हेमनखे … Read more