सावन पर दोहे

सावन पर दोहे ★★★★★★★★सावन में पड़ने लगी,रिमझिम सरस फुहार।हरित चुनर ओढ़ी धरा,सुरभित है संसार।। कोयल कूके बाग में , दादुर करते शोर।सौंधी माटी की महक,फैल रही चहुँ ओर।। कल कल कर बहने लगी,धरती में जल धार।पावस का वरदान पा,आलोकित संसार।। तरु लता सब झूमकर , देते है संदेश।प्रेम रहे सब जीव में,छोड़ो कपट कलेश।। पावस … Read more

चरित्र विषय पर दोहे : राधा तिवारी

चरित्र विषय पर दोहे : राधा तिवारी चिंतन और चरित्र से ,हो जाता उद्धार।नीच कर्म करके मनुज ,कैसे हो व्यापार।। राधे नेक विचार से ,उत्तम बने चरित्र।सदा सत्य को ही रखो ,साथ बनाकर मित्र।। कर चरित्र निर्माण भी ,और काम के साथ।मात-पिता का हो सदा , सबके सिर पर हाथ।। सतयुग के तो बाद में … Read more

गणतंत्र गाथा / बाबू लाल शर्मा ” बौहरा ”

Happy Republic day

गणतंत्र गाथा / बाबू लाल शर्मा ” बौहरा ” पुरा कहानी,याद सभी को, मेरे देश जहाँन की।कहें सुने गणतंत्र सु गाथा, अपने देश महान की। सन सत्तावन की गाथाएँ,आजादी हित वीर नमन।रानी झाँसी नाना साहब, ताँत्या से रणधीर नमन। तब से आजादी तक देखो,युद्व रहा ये जारी था।वीर हमारे नित मरते थे, दर्द गुलामी भारी … Read more

आजा अब परदेशिया

आजा अब परदेशिया आजा अब परदेशिया , तरस रहे हैं नैन ।बाट जोहती हूँ खड़ी , पल भर खोजूँ चैन ।।पल भर खोजूँ चैन , लगे जग सारा सूना ।सावन भादो मास , अश्रु अब बढ़ते दूना ।।कह ननकी कवि तुच्छ , झलक अपना दिखला जा ।मिलन करो मनमीत , शीघ्रता से घर आजा ।। … Read more

चित्र मित्र इत्र चरित्र

चित्र मित्र इत्र चरित्र चित्र रचित कपि देखकर, डरती जो सुकुमारि।नव चरित्र वनवास में, रहती जनक दुलारि।। मित्र मिले यदि कर्ण सा, सखा कृष्ण सा साथ।विजित सकल संसार भव, वह चरित्र दे नाथ।। गन्धी चतुर सुजान नर, बेच रहे नित इत्र।सूँघ परख कर ले रहे, ग्राहक बुद्धि चरित्र।। मित्र इत्र सम मानिये, यश सुगंध प्रतिमान।भव … Read more