सावन पर दोहे
सावन पर दोहे ★★★★★★★★सावन में पड़ने लगी,रिमझिम सरस फुहार।हरित चुनर ओढ़ी धरा,सुरभित है संसार।। कोयल कूके बाग में , दादुर करते शोर।सौंधी माटी की महक,फैल रही चहुँ ओर।। कल कल कर बहने लगी,धरती में जल धार।पावस का वरदान पा,आलोकित संसार।। तरु लता सब झूमकर , देते है संदेश।प्रेम रहे सब जीव में,छोड़ो कपट कलेश।। पावस … Read more