बासुदेव अग्रवाल नमन – गणेश वंदना
गणेश वंदना मात पिता शिव पार्वती, कार्तिकेय गुरु भ्राता।पुत्र रत्न शुभ लाभ हैं, वैभव सकल प्रदाता।। रिद्धि सिद्धि के नाथ ये, गज-कर से मुख सोहे।काया बड़ी विशाल जो, भक्त जनों को मोहे।। भाद्र शुक्ल की चौथ को, गणपति पूजे जाते।आशु बुद्धि संपन्न ये, मोदक प्रिय कहलाते।। अधिपति हैं जल-तत्त्व के, पीत वस्त्र के धारी।रक्त-पुष्प से सोहते, भव-भय … Read more