निषादराज के दोहे
*निषादराज के दोहे (1) संसारकितना प्यारा देख लो,ये अपना संसार।स्वर्ग बराबर हैं लगे,गाँव-शहर वनद्वार।। (2) समयसमय बड़ा अनमोल है,कीमत समझो यार।समय बीत जब जायगा,फँसो नहीं मझधार।। (3) गतिअपनी गति में काम को,करना अच्छा यार।तभी सफलता हैं मिले,उन्नति घर संसार।। (4) जीवनजीवन की इस राह पर,चलना कदम सम्हाल।आगे पीछे देखना, रहे न कोई काल।। (5) मनमन … Read more