रामराज्य पर कविता / बाँके बिहारी बरबीगहीया

Jai Sri Ram kavitabahar

रामराज्य पर कविता / बाँके बिहारी बरबीगहीया सप्तपुरी में  प्रथम  अयोध्या जहाँ रघुवर   अवतार  लिए।हनुमत, केवट,  गुह  , शबरीसुग्रीव को हरि जी तार दिए।गौतम की भार्या  अहिल्या कोचरण लगा उद्धार  किए ।मारीच, खर- दूषण , बालीऔर रावन का संहार किए ।आज अवधपुरी में  रघुवरराजा बन कर फिर से आयो।अवधपुरी में  बाजी बधाई रामराज्य   फिर  से  आयो ।। … Read more

वर्षा जैन “प्रखर- एक नया ख्वाब सजायें

एक नया ख्वाब सजायें सपने कभी सुनहले कभी धुंधले सेआँखों के रुपहले पर्दे पर चमकते सेबुन कर उम्मीदों के ताने बानेहम सजाते जाते हैं सपने सुहाने कनकनी होती है तासीर इनकीमुक्कमल नहीं होती हर तस्वीर जिनकीसपनों को नही मिल पाता आकारमन के गर्त में रहते हैं वो निराकार टूटते सपनों की तो बात ही छोड़िये … Read more

कवयित्री वर्षा जैन “प्रखर” प्रदूषण पर आधारित कविता

प्रदूषण पर आधारित कविता यत्र प्रदूषण तत्र प्रदूषण सर्वत्र प्रदूषण फैला हैखानपान भी दूषित हैवातावरण प्रदूषित है जनसंख्या विस्फोट भी एक समस्या भारी हैजिसके कारण भी होतीप्रदूषण की भरमारी है जल, वायु, आकाश प्रदूषितनभ, धरती, पाताल प्रदूषितमिल कर जिम्मेदारी लेंइस समस्या को दूर भगा लें शतायु होती थी पहलेअब पचास में सिमटी हैये आयु भी अब … Read more

मच्छर -अजस्र(दुर्गेश मेघवाल)

mosquito

मच्छर -अजस्र(दुर्गेश मेघवाल)  एक हादसा कल रात हो गया,                         हो बीमार मैं पस्त पड़ा।मच्छर एक ललकारते हुए,                     तान के सीना समक्ष खड़ा।मच्छर हूँ मैं ,मुझसे तुम सब,                  … Read more

राधा की पुकार गीत/ केवरा यदु “मीरा “

radha shyam sri krishna

राधा की पुकार गीत / केवरा यदु “मीरा “ राधा पुकारे  तोहे  श्याम  हाथ जोड़  कर।आ जाओ  मोहन  प्यारे  मथुरा  को छोड़  कर।।आ जाओ  मोहन  प्यारे मथुरा को छोड़ कर । रूठ गई निंदिया  श्याम  , चैनों  करार भी।प्रीत  जगाके  काहे  मुझको  बिसार दी।भूल  नहीं  जाना कान्हा  दिल से नाता  जोड़ कर।। आ जाओ  मोहन  … Read more