पुरानी यादो पर ग़ज़ल

पुरानी यादो पर ग़ज़ल भुला बैठे थे हम जिनको वो अक्सर याद आते हैंबहारों के हसीं सारे वो मंज़र याद आते हैं रहे कुछ बेरहम से हादसे मेरी कहानी केझटक कर ले गए सबकुछ जो महशर याद आते है दिलों में खींच डाली हैं अजब सी सरहदें सबनेहुए रिश्ते मुहब्बत के जो बेघर याद आते … Read more

नोटबंदी पर कविता

नोटबंदी पर कविता सरकार जी आपने की थी नोटबंदीआठ नवंबरसन् दो हजार सोलह कोनहीं थकेआपके चाहने वालेनोटबंदी केफायदे बताते-बतातेनहीं थकेआपके आलोचकआलोचना करते-करतेलेकिन हुआ क्या?पहाड़ खोदने कीखट-खट सुनकरबिल छोड़कर सुदूरचूहा भी भाग निकलाआज है वर्षगांठनोटबंदी कीफायदे बताने वालेनहीं कर रहेनोटबंदी की याद मेंकोई समारोहमात्र आलोचक हैंक्रियाशीलसोशल मिडिया पर।  -विनोद सिल्ला© कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

छत्तीसगढ़ मैया पर कविता -श्रीमती शशिकला कठोलिया,

छत्तीसगढ़ मैया पर कविता जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मैया,सुन लोग हो जाते स्तंभित,राष्ट्रगान सा स्वर है गुजँता,छत्तीसगढ़ का यह राज गीत,नरेंद्र देव वर्मा की अमर रचना,है उसकी आत्मा की संगीत,छत्तीसगढ़िया को बांधे रखता ,यह पावन सुंदर सा गीत ,धरती का शुभ भावों से सिंगार कर,छत्तीसगढ़ माटी का बढ़ाया गौरव,गीत में साकार हो उठता ,समूचे … Read more

इश्क पर कविता-माधवी गणवीर, छत्तीसगढ़

इश्क पर कविता यू इस तरह न मुंह मोड़ कर चला करो,है इश्क तो जुबां से भी कहा करो। क्यों हाथ मिलाने पर रहते हो आमादा हर वक्त,अजनबी लोगों से थोड़ा फासले से मिला करो। भूल सकते नहीं तेरे अहसास कभी हम,हर राह पर, हर मोड़ पर तुम ही तुम दिखा करो। हर वक्त यूं … Read more

जन्म लेती है कविता- नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

जन्म लेती है कविता-  सूरज-सा चिरती निगाहेंसंवेदनाओं से भरी दूरदर्शी निगाहेंअहर्निश हर पलघूमती रहती है चारों ओर दृश्यमान जगत केदृश्य-भाव अनेकसुंदर-कुरूप,अच्छे-बुरे,अमीरी-गरीबी, और भी रंग सारे भावों की आत्माशब्दों की देह धरकरजन्म लेती है कविता। — नरेन्द्र कुमार कुलमित्र     9755852479कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद