होड़ लगी है विश्व में करें इकट्ठा शस्त्र
होड़ लगी है विश्व में करें इकट्ठा शस्त्र होड़ लगी है विश्व में, करें इकट्ठा शस्त्र।राजनीतिक होने लगी,खुले आम निर्वस्त्र।। सीमाएँ जब लाँघता,है सत्ता का लोभ।जन-मन को आक्रांत कर,पैदा करता क्षोभ।। सत्ताधारी विश्व के, पैदा करें विवाद ।शांति हेतु अनिवार्य है,जनता से संवाद।। सृजनात्मक सहयोग से,बंद करें कटु युद्ध ।धरती पुत्रों अब उठो,सम्हलो स्वार्थ विरुद्ध।। … Read more