इस फूल में कांटा है

इस फूल में कांटा है ,सौदा ए दिल घाटा है ।बाहर से रौनक लगेअंदर से सन्नाटा है।।चुमना चाहो इन्हें , तो ये चुभेेंगे।हर बात पे तुम्हें , ये तौलेंगे ।इनके तेवर है लंबे …..हम भले ही नाटा हैं।सौदा ना कर घाटा है ।इस फूल……..कोरे कागज पे, कोई भी लिखता है ।स्याह की बूंद भी,ज्यादा दिखता … Read more

जब दाँतों में बढ़ती पीड़ा

राष्ट्रीय दन्त- पीड़ा दिवस (9 फरवरी) पर गीत

फूफा रिश्ता पर कविता

(बिहाव के सम्मे म फूफा के अलगेच रउब रईथे। काबरकि ओहर तईहा के भांटो मतलब  “सियान के भांटो” रईथे।
अऊ ओकर सियानी के  दिन काल भागत रईथे। तेकर जगह म मोर भांटो के पदवी आत रईथे । ओला ओहर सहन नई करन सके।
तिकर पाय बर ए कविता ल प्रयास करे गय हे:-)