Month September 2021

widow

विधवा पर कविता

मैंने अपनी स्वरचित कविता "विधवाएं" कुछ समय पहले ही लिखी है ,और इसे लिखने के लिए प्रेरणा भी मुझे यथार्थ ही मिली। कि हम चाहे कितनी ही तरक्की क्यूं न कर ले मगर हमारी सोच औरतों को लेकर अब भी संकीर्ण ही है।

उनसे मेरा प्यार महादेव की निशानी है

जब नायक नायिका से बेइन्तहां सच्ची मोहब्बत करता है उनसे मिलने का वक्त आता है तो नायिका के तरफ से कुछ विरोधी खड़े हुए तब अन्त मे नायक इस कविता के द्वारा उनके सामने खुले रुप मे आगाज करता है -

गुलाब नहीं है पुष्प आज

कविता बहार के मंच पर प्रसारित प्रतियोगिता में प्रतिभागिता हेतु "गुलाब" विषय पर कविताएं आमंत्रित थीं। मैं अपनी कविता इस संदर्भ में अग्रसारित कर रहा हूं। इसका शीर्षक है -"गुलाब नहीं है पुष्प आज"। इसमें गुलाब के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन है - ये प्रेम का प्रतीक है, मेहनत का प्रतीक है, दोस्ती का प्रतीक है, कोमलता का प्रतीक है....। इन सब की ओर इशारा करती मेरी कविता निर्धारित तिथि 23 सितंबर 2021 से पूर्व प्रेषित है। आशा है संज्ञान लिया जाएगा। धन्यवाद।

नारियल पर कविता

नारियल एक बहुवर्षी एवं एकबीजपत्री पौधा है। इसका तना लम्बा तथा शाखा रहित होता है। मुख्य तने के ऊपरी सिरे पर लम्बी पत्तियों का मुकुट होता है। ये वृक्ष समुद्र के किनारे या नमकीन जगह पर पाये जाते हैं। इसके…