बीर/आल्ह छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

बीर/आल्ह छंद [सम मात्रिक] विधान – 31 मात्रा, 16,15 पर यति, चरणान्त में वाचिक भार 21 या गाल l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों पर तुकांत l उदाहरण :विनयशीलता बहुत दिखाते, लेकिन मन में भरा घमण्ड,तनिक चोट जो लगे अहम् को, पल में हो जाते उद्दण्ड। गुरुवर कहकर टाँग खींचते , देखे कितने ही … Read more

केले पर कविता

केले पर कविता सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा नाम है बनाना। यूं तो हू मैं पीले रंग का सबका दिल हूं चुराता । आम, अनार, सेब, संतरेसबके स्वाद निराले। मैं जीता हूं बिना बीज के ऐसा हूं मैं अनोखा । कदली, केला, रंभा, भानूफलऊंचा लंबा मेरा कद। पूजा पाठ में करे इस्तेमालभोग भी लगे मेरे … Read more

कभी न तोड़ो कच्चे फल

कभी न तोड़ो कच्चे फल बात पते की सुन लो मेरी,फल खाना है बहुत जरूरी।1। सुन्दर ,स्वस्थ,निरोग रहें हम,सारे सुख का भोग करें हम।2। आम,सन्तरा,काजू खाओ,बाबू,भोले,राजू आओ।3। प्रोटीन,विटामिन सब पाये,अनन्नास,अंगूर जो खाये ।4। कुछ मौसम कुछ बारहमासी,रखे,कटे मत खाओ बासी।5। जामुन,सेब,पपीता खाओ,पास डॉक्टर के मत जाओ।6। खरबूजा,तरबूज,अनार ,खा अमरूद न हो बीमार।7। बच्चों सुन लो … Read more

मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक] विधान – 25 मात्रा, 13,12 पर यति, यति से पहले वाचिक भार 12 या लगा, चरणान्त में वाचिक भार 22 या गागा l कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत l विशेष – दोहा के क्रमागत दो चरणों के अंत में एक लघु बढ़ा देने से मुक्तामणि का एक चरण बनता … Read more

आम फल पर बाल कवितायेँ

यहाँ पर आम फल पर 3 कवितायेँ प्रस्तुत हैं जो कि बाल कवितायेँ हैं नाम मेरा आम नाम मेरा आम है,हूं फिर भी खास।खाते मुझको जो,पा जाते है रास। रूप मेरे है अनेक,सबके मन भाता।देख देख मुझे सब,परमानंद को पाता। घर घर मेरी शाख,बनता हूं आचार।लू में सिरका बनूँ,दे शीतल बयार। खट्टे मीठे स्वाद है,मुह … Read more