खुशनसीब -माधुरी डड़सेना मुदिता
खुशनसीब मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे यार मिल गया दिल को बड़ा सकूं है दिलदार मिल गया । दर दर भटक रहे थे कभी हम यहाँ वहाँअब डर नहीं किसी से सरकार मिल गया । हमराज बन गए हैं दिन रात अब नयारंगत बहार में है इतबार मिल गया । दुनिया बड़ी ही जालिम जीने … Read more