मैंने चाहा तुमको हद से -मनीभाई

मैंने चाहा तुमको हद से -मनीभाई मैंने चाहा तुमको हद से,कोई खता तो नहीं।मैंने मांगा मेरे राम सेकोई ज्यादा तो नहीं।तू समझे या ना समझेतू चाहे या ना मुझे चाहेइसमें कोई वादा तो नहीं। तेरी भोली बातें सुनूं,या देखूं ये निगाहेंकैसे संभालूं दिल को,कैसे छुपाऊं आहें।तेरे पास पास रहूं,तेरे साथ साथ चलूंइसकी कोई वजह तो … Read more

मेरी जीवन यात्रा

मेरी जीवन यात्रा मेरी ये यात्रामुट्ठी बंद शून्य सेअशून्य की ओर।जैसे ही नैन खुले,चाहिए खिलौने।और एक चमकता भोर। पाने की तलाश।जिसकी बुझे ना प्यास।ये कुछ पाना ही बंधन है ।पर जो मिल रहामन कैसे कह देसब धोखा है, उलझन है। ये जो घोंसला तिनकों कामेरी आंखो के सामने।जिसमें आराम है सुरक्षा है।ठंड में गरमऔर गर्म … Read more

क्रिकेट पर कविता| POEM ON CRICKET IN HINDI

हमारे देश में घर-घर में क्रिकेट मैच देखा जाता है क्रिकेट मैच के दौरान टीवी देखते वक्त घर का माहौल खास हो जाता है। पति पत्नि का नोक झोंक और क्रिकेट का वर्णन करती हुई मनीभाई का यह कविता जरूर पढ़िए। क्रिकेट पर कविता| POEM ON CRICKET IN HINDI क्रिकेट का खेल है, रोमांच से … Read more

गाय पालन पर छत्तीसगढ़ी कविता

गाय पालन पर छत्तीसगढ़ी कविता पैरा भूँसा ,कांदी-कचरा,कोठा कोंन सँवारे,हड़ही होगे ,बछिया कहिके रोजेच के धुत्कारे।। बगियाके बुधारू ,छोड़िस,गउधन आन खार।बांधे-छोरे जतने के,झंझट हे बेकार।। बछिया आगे शहर डहर अउपारा-पारा घुमय।कोनो देदे रोटी-भातलइका मन ह झुमय।। देखते-देखत बछिया संगीघोसघोस ले मोटागे।चिक्कन-देहें ,दिखन लागयमन सबके हरसागे।। आना होगे एक दिन संगीबुधारू के हाट।देख परिस ,बछिया ललालच … Read more