वर्ल्ड जूनोसिस डे हर साल 6 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य जूनोटिक रोगों (पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले रोग) के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन लुई पाश्चर द्वारा पहली सफल रेबीज वैक्सीन का परीक्षण करने की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। जूनोसिस रोगों को रोकने के लिए अच्छे स्वच्छता उपाय, पशुओं का टीकाकरण और उचित पशु चिकित्सा देखभाल महत्वपूर्ण हैं।
वर्ल्ड जूनोसिस डे पर नारे
जूनोसिस दिवस आया है।
जागरूकता का संदेश लाया है।।
स्वच्छता का पालन करके, स्वास्थ्य को अपनाना है,
पशु चिकित्सा का ख्याल रख, रोगों को दूर भगाना है।
लुई पाश्चर की याद में, ये दिवस मनाया जाता है,
रेबीज वैक्सीन , एक महान खोज बताया जाता है।
मिलकर सब संकल्प करें, स्वस्थ समाज बनाएंगे,
जूनोटिक रोगों को हराकर, खुशहाली को लाएंगे।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के पथ पर, आगे बढ़ते जाएंगे,
इस जूनोसिस दिवस पर, एक नया कदम उठाएंगे।
जूनोसिस से लड़ने का, सबको पाठ पढ़ाना है,
जानवरों से दूरी रख, स्वस्थ जीवन अपनाना है।
हर पशु की सेहत पर, ध्यान हमें देना होगा,
पशु टीकाकरण ही, एक सुरक्षा घेरा होगा।
गांवों से लेकर शहरों तक, संदेश हमें फैलाना है,
जूनोसिस रोग खत्म कर, स्वस्थ समाज बनाना है।
संजीवनी बने यह दिवस, मन में विश्वास जगाए,
पशु-मानव के बीच प्रेम हो, रोगों को दूर भगाए।
जागरूकता के दीप जलाकर, अज्ञानता को मिटाना है,
जूनोसिस मुक्त संसार का, सपना हमें साकार करना है।
मिलकर चलें इस राह पर, हाथों में हाथ मिलाएं,
वर्ल्ड जूनोसिस डे पर हम, नई दिशा दिखलाएं।