कविता बहार
हसदेव बचाव अभियान पर कविता
हसदेव बचाव अभियान पर कविता हसदेव को बचाना है पेड़ काटोगे तो हवा घटेगी,जल हो जायेगा गुम,मानव तेरे पतन का,चहूंँ ओर होगा धूम ही धूम। कहीं लुप्त हो जाएगा,यह प्रकृति का सुंदर चित्र,मनुष्य मारे पैर में कुल्हाड़ी,यह कार्य है विचित्र।वक्त की यही है आवाज,विश्व को भी बताना है,जग के अस्तित्व के लिए,हसदेव को बचाना है। … Read more
ठंडी का मौसम -अंजनी कुमार शर्मा
ठंडी का मौसम –अंजनी कुमार शर्मा आया है ठंडी का मौसमसूरज का बल हुआ है कमओढे़ कोहरे की चादरगाँव-गाँव और नगर-नगरस्वेटर पहने जन पडे़ दिखाईओढे़ कंबल और रजाईकाँप रहा है कलुआ कुत्ताखलिहान में पडा़ है दुबकाठंडी के आगे सब हारेछिप गये हैं चाँद और तारेबर्फीली हवाएँ जब चलतीतन-मन में तब सिहरन उठतीऔर फिर कूछ नहीं … Read more
उषाकाल पर कविता /नीलम
ज़मीं,आसमान,चाँद,नदियाँ,झीलें, पहाड़,सागर,बादल,अधखिली कलियाँ और सुबह की ताज़गी दुनियाँ के बेहतरीन अध्यापक हैं,ये हमें वो सिखाते हैं,जो कभी किताबों में नहीं लिखा जा सकता •••••