Jai Sri Ram kavitabahar

श्रीराम पर कविता / डॉ एन के सेठी

श्रीराम पर कविता / डॉ एन के सेठी मर्यादा श्री राम की, जीवन में अपनाय।अहंभाव को त्यागकर,सदा नम्र बन जाय।।1।।सेवक हो हनुमान सा,होय न हिम्मत हार।लाय पहाड़ उठायके, करें दुखों…

हकीकतों पर कविता

हकीकतों पर कविता परिवर्तन के इसदौर मेंमैं एक ऐसे मोड़पर खड़ा हूंजहां से मुझे एकनिर्णायक निर्णयलेना हैपरंतुकुछ निर्णयलेने के पूर्वउन हकीकतों सेभी मुंह मोड़नामुझे मंजूर नहीं।।।

नौका पर कविता

नौका पर कविता मँझधारों में माँझी अटका,क्या तुम पार लगाओगी।जर्जर नौका गहन समंदर,सच बोलो कब आओगी। भावि समय संजोता माँझीवर्तमान की तज छाँयाअपनों की उन्नति हित भूलाजो अपनी जर्जर कायाक्या…

पंछी पर कविता

पंछी पर कविता यह,मन प्यासा,पंछी मेरानील गगन उड़ करे बसेरा ।पल मे देश विदेशों विचरण,कभी रुष्ट,पल मे अभिनंदन,*प्यासा पंछी, उड़ता मन।।* पल में अवध,परिक्रम करता,सरयू जल अंजुलि में भरता।पल में…

पुस्तक पर दोहे – डॉ एन के सेठी

यह विभिन्न श्रेणियों के अर्न्तगत हिंदी, अंग्रेजी तथा अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओँ एवं ब्रेल लिपि में पुस्तकें प्रकाशित करता है। यह हर दूसरे वर्ष नई दिल्ली में 'विश्व पुस्तक मेले' का आयोजन करता है,…

शबनम पर कविता

शबनम पर कविता शबनम की चमकहमारे तुम्हारेमधुर रिश्तों की गंधलिए होती हैमानो तोये सच हैगर न मानों तोये ही शबनमपानी का कतरामात्र होती है।।।

संघर्ष पर कविता -संघर्ष का प्रतिफल

संघर्ष पर कविता -संघर्ष का प्रतिफल मुझे मेरीसंघर्ष गाथा सेबेहद लगाव हैप्यार हैवोइसलिए किमैं वर्तमान मेंजो कुछ भी हूंवोमेरे संघर्ष काही प्रतिफल हैसंघर्ष के कारण हीमुझे समाज मेंशान से जीने…

उम्मीद के दिये पर कविता-मनोज बाथरे

उम्मीद के दिये पर कविता अपनेपन मेंखोये हुएहम खोजते हैंउम्मीद के दियेजो हमेंआशारूपीउजालेके साथ हमेंएक नई रोशनीदे सकेंअपने सुखदजीवन के लिए

संबंध पर कविता-मनोज बाथरे

संबंध पर कविता संबंध सिर्फहमें अपनों सेजोड़ने वालीकड़ी कानाम नहीं हैये तोवो संबंध हैजो सदैवहमारे बीचएक सेतु सा कार्यकरता हैअनेक संबंधों के लिए।।