तन पर कविता-रजनी श्री बेदी

तन पर कविता हर मशीन का कलपुर्जा,मिल जाए तुम्हे बाजार में।नहीं मिलते हैं तन के पुर्जे,हो  चाहे उच्च व्यापार में। नकारात्मक सोचे इंसा तो, सिर भारी हो जाएगा।उपकरणों की किरणों से …

शांतिदूत पर कविता -शांति के दीप जलाते हैं

शांतिदूत पर कविता -शांति के दीप जलाते हैं विश्व पटल पर मानवता के फूल खिलाते हैं,हम हैं शांतिदूत, शांति के दीप जलाते हैं। भेद भाव के भवसागर में,दया भाव भरली…
हाइकु

हाइकु मंजूषा -पद्ममुख पंडा स्वार्थी

हाइकु मंजूषा 1चल रही हैचुनावी हलचलप्रजा से छल 2 भरोसा टूटाकिसे करें भरोसासबने लूटा 3 शासन तंत्रबदलेगी जनताहक बनता 4 धन लोलूपनेता हो गए सबअब विद्रूप 5 मंडरा रहाभविष्य का…

वर्षा ऋतु कविता – कवयित्री श्रीमती शशिकला कठोलिया

वर्षा ऋतु कविता  ग्रीष्म ऋतु की प्रचंड तपिश, प्यासी धरती पर वर्षा की फुहार,       चारों ओर फैली सोंधी मिट्टी,प्रकृति में होने लगा जीवन संचार। दिख रहा नीला आसमान ,सघन…

संयुक्त राष्ट्र दिवस पर कविता-अरुणा डोगरा शर्मा

संयुक्त राष्ट्र दिवस पर कविता मैं पृथ्वी,सुनाती हूं अपनी जुबानी साफ जल, थल, वायु से,साफ था मेरा जीवमंडल।मानव ने किया तिरस्कार,बर्बरता से तोड़ा मेरा कमंडल।दूषित किया जल, थल, वायु को की अपनी…

संयुक्त राष्ट्र संघ का सपना -बृजमोहन श्रीवास्तव “साथी”

संयुक्त राष्ट्र संघ का सपना संयुक्त राष्ट्र संघ का सपना ,                मानव श्रेष्ठ बनाना है ।शोषण कोई नही कर पाये ,     …

शांति पर कविता -नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

शांति पर कविता  हम कैसे लोग हैंकहते हैं---हमें ये नहीं करना चाहिएऔर वही करते हैंवही करने के लिए सोचते हैंआने वाली हमारी पीढियां भीवही करने के लिए ख़्वाहिशमंद रहती हैजैसे…

सुंदर विश्व बनाएं-डॉ नीलम

सुंदर विश्व बनाएं मानव के हाथों में कुदालखोद रहा अपने पैरों से रहा अपनी जडे़ निकाल अपने अपने झगडे़ लेकरकरता नरसंहार हैविश्व शांति के लिए बसबना संयुक्त राष्ट्र है निःशस्त्रिकरण की ओट…

संयुक्त राष्ट्र पर कविता- दूजराम साहू

संयुक्त राष्ट्र पर कविता आसमान छूने की है तमन्ना, अंधाधुंध हो रहे अविष्कार! चूक गए तो विनाशकारीसफलता में जीवन उजियार! !  विज्ञान वरदान ही नहीं, अभिशाप भी है, कहीं नेकी करता तो कहीं…

घर वापसी- राजेश पाण्डेय वत्स

घर वापसी नित नित शाम को, सूरज पश्चिम जाता है। श्रम पथ का जातक फिर अपने घर आता है।  भूल जाते हैं बातें थकान और तनाव की ,अपने को जब जबपरिवार के बीच पाता…