1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्न

1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्न शून्य भेदभाव दिवस पर, हम एक हो जाएँ ,पूरा विश्व एकजुट, सुबह के सूरज के नीचे।करते हैं आवाज़ बुलंद और स्पष्ट ,नफ़रत को और न कहने के लिए, भय को दूर…
1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्न शून्य भेदभाव दिवस पर, हम एक हो जाएँ ,पूरा विश्व एकजुट, सुबह के सूरज के नीचे।करते हैं आवाज़ बुलंद और स्पष्ट ,नफ़रत को और न कहने के लिए, भय को दूर…
कविता : छत्तीसगढ़ के धरना का इतिहास पर चौपाई / आशा आज़ाद सन् 1995 से पृथक राज्य अखंड धरना आंदोलन प्रारंभ आज सुनाऊँ सुनलो गाथा।सुनकर झुक जाता है माथा। राज्य पृथक जो आज कहाया।धरना आदोंलन से आया।। नौ अप्रैल की…
जलती धरती / भावना मोहन विधानी वृक्ष होते हैं धरती का सुंदर गहना,हरियाली के रूप में धरा ने इसे पहनाहरे भरे वृक्षों को काट दिया मनुष्य ने,मनुष्य की क्रूरता का क्या कहना?तेज गर्मी से जलती जा रही धरती,अंदर ही अंदर…
जलती धरती/चन्दा डांगी बचपन मे हमने देखीहर पहाड़ी हरी भरी नज़र आता नही पत्थर कोई वहाँकटते गये जब पेड़ धरती होने लगी नग्न सिलसिला ये चलता रहाअब पत्थर नज़र आतेपेड़ो का पता नहींलाते थे हम सामान कपड़े की थैलियों मे…
जलती धरती /हरि प्रकाश गुप्ता सरल धरती जलती है तो जलने दीजिए।पेड़ कटते हैं तो कटने दीजिए।।भले ही जल जाए सभी कुछ यहांपर पर्यावरण की न चिंता कीजिए।कुछ तो रहम करो भविष्य के बारे में अपने लिए न सही आगे…