कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

रोटी / विनोद सिल्ला

रोटी सांसरिक सत्य तोयह है किरोटी होती हैअनाज कीलेकिन भारत में रोटीनहीं होती अनाज कीयहाँ होती हैअगड़ों की रोटीपिछड़ों की रोटीअछूतों की रोटीफलां की रोटीफलां की रोटीऔर हांयहाँ परनहीं खाई जातीएक-दूसरे की रोटी। -विनोद सिल्ला Post Views: 83

प्रलय / रमेश कुमार सोनी

JALATI DHARATI

प्रलय / रमेश कुमार सोनी दिख ही जाता है प्रलय ज़िंदगी मेंदुर्घटना में पूरे परिवार के उजड़ जाने से,बाढ़,सूनामी,चक्रवात से औरकिसी सदस्य के घर नहीं लौटने सेप्रलय की आँखों में ऑंखें डालकरकौन कहेगा कि नहीं डरता तुझसे। आख़िरी क्षण होगा…

पालक जागरूकता पर कविता / डॉ विजय कन्नौजे

पालक जागरूकता पर कविता / डॉ विजय कन्नौजे बुलाते हैं शिक्षक पालक कोपर आते नहीं है लोग।पालक बालक जागरूक होशिक्षक को लगाते दोष।‌अनुशासन की पाठ कहें तोकुछ शिक्षक नही निर्दोष।गेहूं के संग है कुछ घुन पीसेशिक्षक गरिमा हो दोस्त।। शिक्षा…

चमकते सितारे/ आशीष कुमार

star

चमकते सितारे नन्हे नन्हे और प्यारे प्यारेआसमान में चमकते सितारेदेखा दूर धरती की गोद सेलगता पलक झपकाते सारे ऊपर कहीं कोई बस्ती तो नहींजहाँ के चिराग दिखाएँ नजारेउड़ा ले गया कोई जुगनुओं कोआकाशगंगा सा टिमटिमाते सारे जला आया कोई दीपक…

काम पर कविता/ सुकमोती चौहान

काम पर कविता लाख निकाले दोष, काम होगा यह उनका।उन पर कर न विचार, पाल मत खटका मन का।करना है जो काम, बेझिझक करते चलना।टाँग खींचते लोग, किन्तु राही मत रुकना।कुत्ते सारे भौंकते, हाथी रहता मस्त है।अपने मन की जो…