Author: कविता बहार

  • उषा सुहानी लगे प्यारी

    उषा सुहानी लगे प्यारी

    उषा सुहानी लगे प्यारी

    मंद पवन की ठंडक न्यारी

    घोंसला छोड़ पंछी भागे

    उषाकाल नींदों से जागे ।

               कोयल की सुन मीठी वाणी

               छुप छुप किया करे मनमानी

                शीतल मंद पवन मदमाती

                रवि किरण तन -मन को लुभाती।

    कोहरा आकाश धुँधलाता ।

    हरा भरा तृण उर लुभाता।

    काँटों के बीच पुष्प मुस्काता ।

    भौंरा जीवन गाथा गाता।

    अर्चना पाठक ‘निरंतर’
    अंबिकापुर

    सरगुजा
    छत्तीसगढ़

  • स्वामी जी आपको करते हैं नमन

    स्वामी जी आपको करते हैं नमन

    स्वामी जी आपको करते हैं नमन

    स्वामी विवेकानंद
    स्वामी विवेकानंद

    स्वामी जी आपको करते हैं नमन
    स्वीकार कीजिए श्रद्धा सुमन

    वेदों का पाठ सारे जग को पढ़ाया
    दुनिया में भारत का मान बढ़ाया
    शिकागो का यादगार सम्मेलन
    स्वामी जी आपको करते हैं नमन

    युवाओं को बढ़ने का मार्ग बताया
    दीन-दुखियों को गले से लगाया
    सेवा में अर्पित किया जीवन
    स्वामी जी आपको करते हैं नमन

    रामकृष्ण परमहंस गुरु कहलाए
    नरेंद्र से विवेकानंद बनाए
    गुरु संग आपका करते वंदन
    स्वामी जी आपको करते हैं नमन

                  रमेश गुप्ता ‘प्रेमगीत’
                     सूरजपुर(छ.ग.)
                  मो.नं-9977507715

  • निंदा पर सोरठा- मनीभाई

    निंदा पर सोरठा

    चुगली औषधि होत, करती मरहम काम जो।
    परनिंदा दुख स्रोत ,        स्वनिंदा बैकुंठ सम।।
    ✒️ मनीभाई ‘नवरत्न’

  • कुछ पल तुम्हारे साथ

    कुछ पल तुम्हारे साथ

    कुछ पल तुम्हारे साथ,
    बीते लम्हें मेरे साथ,
    उन यादों को सुन्दर रूपहले,
    आंचल में समेट कर,
    चारों तरफ से उसे ओढ़ लेती हूं,
    और महफूस-महसूस, करती हूं।
    कितनी बातें तुम्हारे साथ,
    कितनी यादें तुम्हारे साथ,
    उन यादों में लड़ना झगड़ना,
    और खुद से ही शरमा जाना।

    कितनी मीठी बातें तुम्हारी,
    कितनी यादें प्यार भरी ,
    गुनगुनी धूप सी अलसाई सी,
    वहां से हटना ही नहीं चाहती,
    आंगन से कमरों तक,
    कमरों से गलियारों तक,
    पता नहीं कितनी यादें,

    मेरे हाथों को मजबूती से ,
    पकड़ रखा है।हर मौसम में ,
    तुमने साथ दिया,
    मैंने भी सामना किया है,
    तुमने कहां मैं सिर्फ़ तुम्हारा हूं,
    तुम्हारा ही रहूंगा,
    बस उस दिन से सारे वो ,
    लम्हे मेरे पास सुरक्षित हैं।
    कुछ पल….

    श्रीमती पूनम दुबे अम्बिकापुर छत्तीसगढ़

  • हे युवा उठो चलो जागो

    हे युवा उठो चलो जागो

    हे युवा उठो चलो जागो

    स्वामी विवेकानंद
    स्वामी विवेकानंद

    कितनी बातें लिखेंगे??
    कितनी…. ईमानदारी से।
    डीजिटल हुई भावनाएँ,
    इंटरनेट की पहरेदारी से।

    कुछ बंधक है कुछ ग्रस्त,
    कुछ तो.. फसे भारी त्रस्त।
    जाने चहरे की वेदनाएँ क्यों,
    स्टेट्स के रास्ते गई व्यस्त।

    किसे फर्क पड़ता,कौन??
    किसने परोसा है आघात वज्र।
    युवा क्रांति लुप्त ना हो जायें,
    सोशल मीडिया क्षरण है बज्र।

    कुछ तो योग हो,कुछ ध्यान,
    हिमालय से उच्च गढ़ो ज्ञान।
    हे!! युवा उठो, चलो, जागो..,
    भारतवर्ष का रचे नव निर्माण।

                _✍प्राज