नव दीप जले हर मन में/ भुवन बिष्ट

नव दीप

इस कविता में भुवन बिष्ट ने आशा, प्रेम, और भाईचारे का संदेश दिया है। हर व्यक्ति के मन में नई उम्मीदों और सकारात्मकता के दीप जलाने का आह्वान किया है, जिससे समाज में शांति, प्रेम, और सद्भावना का वातावरण बने। नव दीप जले हर मन में/ भुवन बिष्ट नव दीप जले हर मन में,          अब … Read more

नव सुर-दात्री

नव सुर-दात्री,नव लय-दात्रीनव – गान मयी,नव तान – मयी।        देवी मैं हूँ  अति अज्ञानी       नहीं है जग में   तुमसा  दानी        माँ! दान दो नव अक्षरो  का       माँ दान दो नवलय  स्वरो का जग- सृष्टा की मानस – कन्याबुद्धि दाता  न तुझसी अन्या।।          शारदे! वागेश-  वीणा – धारणी          भारती! भारत- सुतों की तारणी          नव … Read more

जय जय वरदानी

जय जय वरदानी जयति मातु जय जय वरदानी।सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।नित नित ध्यान करूँ मैं माता।तुम सब जन की भाग्य विधाता।। मातु ज्ञान की तुम हो सागर।जगत ज्ञान से करो उजागर।।सदा मातु बसना तुम वाणी।जय जय वंदन वीणापाणी।।           …..भुवन बिष्ट

श्री नाथ की स्तुति – डॉ मनोरमा चंद्रा रमा

यहां पर कवियत्री डॉ मनोरमा चंद्रा रमा द्वारा रचित कविता श्रीनाथ की स्तुति आपके समक्ष प्रस्तुत है श्री नाथ की स्तुति स्तुति कर श्री नाथ की, कृपा मिले भगवंत।कण-कण ईश विराजते, उनका आदि न अंत।। मिले प्रशंसा खास तो, रहना शुक्र गुजार।नम्र भावना से सदा, करें प्रकट आभार।। ध्यान धरे मन अर्चना, स्तुति पावन भाव।भक्ति … Read more

शिवरात्रि पर कविता

शिवरात्रि पर कविता शिव को ध्याने के लिए लो आ गई रात्रि।मौका मिला है शिव की करने को चाकरी। शिव को मनाने के लिए बस श्रद्धा चाहिए।शिव को पाना जो चाहो तो नजरिया चाहिए।हो मुक्कमल सफ़र अपना और जाए यात्री। हम जन्म मरण से मुक्त हों और पाएं मोक्ष को।मंजिल कठिन हो चाहे पर अर्जुन … Read more