घर वापसी- राजेश पाण्डेय वत्स
घर वापसी नित नित शाम को, सूरज पश्चिम जाता है। श्रम पथ का जातक फिर अपने घर आता है। भूल जाते हैं बातें थकान और तनाव की ,अपने को जब जबपरिवार के बीच पाता है। पंछियों की तरह चहकतेघर का हर सदस्य,घर का छत भी तब अम्बर नजर आता है। कल्प-वृक्ष की ठंडकता भी फीकी सी लगने लगे शीतल पानी का गिलासजब … Read more