Category हिंदी कविता

mahatma gandhi

बापू जी को नमन -अकिल खान

बापू जी को नमन -अकिल खान जन्म लिए एक महान संत स्थान था पोरबंदर,नाम था महात्मा गांधी अहिंसा के थे समंदर।दुःखी अश्वेतों को अफ्रीका में दिलाई आजादी,महात्मा गांधीजी थे कर्तव्यपरायण-सत्यवादी,अहिंसा से करते थे अन्यायीयों का दमन,सत्य-अहिंसा के पुजारी,बापू जी को…

गांधी जी के विचार – जगदीश कौर प्रयागराज

गांधी जी के विचार – जगदीश कौर प्रयागराज गांधी तेरे विचारों की फिर जरूरत है ।सत्य, अंहिसा, रामराज्य की हसरत है। मानव को मानव का दर्जा मिल जाए ।मंहगाई में सबका खर्चा चल जाए।इंसानियत न बिके सरेआम बाजारों में ।पढा…

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बापू की यादें – सन्त राम सलाम

बापू की यादें – सन्त राम सलाम मोहन दास करम चन्द गाॅधी, बालक पन में तेरा नाम धरे।तोड़े गुलामी अंग्रेजी हुकूमत,स्वदेश भारत को आजाद करे।। बने बैरिस्टर दक्षिण अफ्रीका में, लौटे स्वदेश तो सुंदर पैरवी करे।लोहा तो लोहा को काटता…

मुझे पता है – रामनाथ साहू ” ननकी

मुझे पता है – रामनाथ साहू ” ननकी मुझे पता है ,तू मेरा होकर भी मेरा नहीं है । हृदय पटल पर ज्ञात बसेरा नहीं है ।।ये सिर्फ ढोंग ही है ऐ सनम् मेरे ।तुमसे बेहतर कोई लुटेरा नहीं है…

शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि – राकेश सक्सेना

शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि – राकेश सक्सेना बापू तुम जब चले गये, पीछे बहुत बवाल हुआ।आजादी के बाद देश में, रह रह कर सवाल हुआ।। हे बापू तुमने क्या किया? हे बापू तुमने क्या किया? सूत काता, चरखा चलाया, खादी…

Happy Republic day

गणतंत्र दिवस – अकिल खान

गणतंत्र दिवस – अकिल खान भारत की शान पर हो जाऊंँ कुर्बान,लब पे सदा रहे भारत का गुणगान।देश के संविधान का एसा हुआ था आरंभ, 26जनवरी1950 को गणतंत्र हुआ प्रारंभ। हिंदुस्तान है वीर पराक्रम योद्धाओं से भरा,देख युद्ध कौशल-साहस दुश्मन…

सूरज पर कविता – सुकमोती चौहान “रुचि

सूरज पर कविता – सुकमोती चौहान “रुचि रवि की शाश्वत किरण – सीसरिता की अनवरत धार – सीलेखनी मेरी चलती रहनाजन-जन की वाणी बनकरमधुर संगीत घोलती रहनाउजड़े जीवन की नीरसता में।छा जाना मधुमास बनकरपतझड़ की वीरानी में। तुम्हें करनी है…

बाल कविता सुन्दर वन में – पद्ममुख पंडा

बाल कविता सुन्दर वन में – पद्ममुख पंडा सुन्दर वन में, एक अजब सा खेल हो गया,टिमकु भालू और चमकी बंदरिया का मेल हो गया।आपस में, दोनों को इतना प्यार हो गया,कि, हमेशा एक दूसरे का मदद गार हो गया।…

आधुनिकता की आग – पं. शिवम् शर्मा

आधुनिकता की आग – पं. शिवम् शर्मा जरा सी नई धूप क्या लगी सिनेमा जगत की ,जिस्म की जमी पर !नस्ल की फसल बढ़ भी ना पाई की पक गई !! लिवास छोटे – छोटे और छोटे होते ही चले…

वीर सपूत की दहाड़ – सन्त राम सलाम

वीर सपूत की दहाड़ – सन्त राम सलाम चलते हुए मेरे कदमों को देखकर,जब मुझे पर्वत ने भी ललकारा था।सीना ताने शान से खड़ा हो गया,मैं भी भारत का वीर राज दुलारा था।। मत बताना मुझे अपनी औकात,मैंने पर्वतों के…