Category लोकप्रिय हिंदी कविता

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सुभद्राकुमारी चौहान की 10 लोकप्रिय रचनाएँ

यहाँ पर सुभद्राकुमारी चौहान की 10 लोकप्रिय रचनाएँ दी गयी हैं सुभद्राकुमारी चौहान की 10 लोकप्रिय रचनाएँ अनोखा दान / सुभद्राकुमारी चौहान अपने बिखरे भावों का मैंगूँथ अटपटा सा यह हार।चली चढ़ाने उन चरणों पर,अपने हिय का संचित प्यार॥ डर…

गजानन माधव मुक्तिबोध के लोकप्रिय कविता

गजानन माधव मुक्तिबोध के लोकप्रिय कविता भूल ग़लती / गजानन माधव मुक्तिबोध भूल-ग़लतीआज बैठी है ज़िरहबख्तर पहनकरतख्त पर दिल के,चमकते हैं खड़े हथियार उसके दूर तक,आँखें चिलकती हैं नुकीले तेज पत्थर सी,खड़ी हैं सिर झुकाएसब कतारेंबेजुबां बेबस सलाम में, अनगिनत…

नागार्जुन की १० लोकप्रिय रचनाएँ

नागार्जुन की १० लोकप्रिय रचनाएँ यहाँ पर आपके समक्ष पस्तुत हैं चंदू, मैंने सपना देखा / नागार्जुन चंदू, मैंने सपना देखा, उछल रहे तुम ज्यों हिरनौटाचंदू, मैंने सपना देखा, अमुआ से हूँ पटना लौटाचंदू, मैंने सपना देखा, तुम्हें खोजते बद्री…

मैथिलीशरण गुप्त की 10 लोकप्रिय कवितायेँ

चारु चंद्र की चंचल किरणें / मैथिलीशरण गुप्त चारुचंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में,स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से,मानों झीम[1] रहे हैं तरु भी, मन्द…

सुमित्रानंदन पंत की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

परिवर्तन / सुमित्रानंदन पंत (१)अहे निष्ठुर परिवर्तन!तुम्हारा ही तांडव नर्तनविश्व का करुण विवर्तन!तुम्हारा ही नयनोन्मीलन,निखिल उत्थान, पतन!अहे वासुकि सहस्र फन!लक्ष्य अलक्षित चरण तुम्हारे चिन्ह निरंतरछोड़ रहे हैं जग के विक्षत वक्षस्थल पर !शत-शत फेनोच्छ्वासित,स्फीत फुतकार भयंकरघुमा रहे हैं घनाकार जगती का…

माखनलाल चतुर्वेदी की १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

दीप से दीप जले / माखनलाल चतुर्वेदी सुलग-सुलग री जोत दीप से दीप मिलेंकर-कंकण बज उठे, भूमि पर प्राण फलें। लक्ष्मी खेतों फली अटल वीराने मेंलक्ष्मी बँट-बँट बढ़ती आने-जाने मेंलक्ष्मी का आगमन अँधेरी रातों मेंलक्ष्मी श्रम के साथ घात-प्रतिघातों मेंलक्ष्मी…

महादेवी वर्मा के १० सर्वश्रेष्ठ कवितायेँ

यह सपने सुकुमार कविता |महादेवी वर्मा यह सपने सुकुमार तुम्हारी स्मित से उजले!कर मेरे सजल दृगों की मधुर कहानी,इनका हर कण हुआ अमर करुणा वरदानी,उडे़ तृणों की बात तारकों से कहने यहचुन प्रभात के गीत, साँझ के रंग सलज ले!…

उनसे मेरा प्यार महादेव की निशानी है

जब नायक नायिका से बेइन्तहां सच्ची मोहब्बत करता है उनसे मिलने का वक्त आता है तो नायिका के तरफ से कुछ विरोधी खड़े हुए तब अन्त मे नायक इस कविता के द्वारा उनके सामने खुले रुप मे आगाज करता है -