कारगिल विजय दिवस पर कविता (16 दिसम्बर)

atal bihari bajpei

आज सिंधु में ज्वार उठा है आज सिंधु में ज्वार उठा है, नगपति फिर ललकार उठा है, कुरुक्षेत्र के कण-कण से फिर, पांचजन्य हुंकार उठा है। शत-शत आघातों को सहकर, जीवित हिंदुस्तान हमारा, जग के मस्तक पर रोली-सा, शोभित हिंदुस्तान हमारा । दुनिया का इतिहास पूछता, रोम कहाँ, यूनान कहाँ है ? घर-घर में शुभ … Read more

राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता (19 नवम्बर)

हम सब भारतवासी हैं निरंकारदेव ‘सेवक’ हम पंजाबी, हम गुजराती, बंगाली, मदरासी हैं, लेकिन हम इन सबसे पहले केवल भारतवासी हैं। हम सब भारतवासी है ! हमें प्यार आपस में करना, पुरखों ने सिखलाया है, हमें देश-हित, जीना मरना पुरखों ने सिखलाया है। हम उनके बतलाये पथ पर, चलने के अभ्यासी हैं। हम बच्चे अपने … Read more

बाल-दिवस पर कविता

जवाहरलाल नेहरू

बाल-दिवस पर कविता आ गया बच्चों का त्योहार/ विनोदचंद्र पांडेय ‘विनोद’ सभी में छाई नयी उमंग, खुशी की उठने लगी तरंग, हो रहे हम आनन्द-विभोर, समाया मन में हर्ष अपार ! आ गया बच्चों का त्योहार ! करें चाचा नेहरू की याद, जिन्होंने किया देश आजाद, बढ़ाया हम सबका, सम्मान, शांति की देकर नयी पुकार … Read more

गरीबी उन्मूलन दिवस पर कविता (17 अक्टूबर)

गरीबी उन्मूलन दिवस पर कविता गरीबी से संग्राम आचार्य मायाराम ‘पतंग’ चलो साथियों! हम सेवा के काम करें। आज गरीबी से जमकर संग्राम करें। यह न समझना हमें गरीबी थोड़ी दूर हटानी है। अपने आँगन से बुहारकर नहीं पराए लानी है। एक शहर से नहीं उठाकर दूजे गाँव बसानी है। करें इरादा भारतभर से इसकी … Read more

प्रियतम पर कविता

virah viyog bewafa sad women

प्रियतम कितने प्यारे हो प्रियतम कितने प्यारे हो,मेरी आँखों से पूछो।पढ़ लो इन अँखियों में बस एक नजर देखो।बसे हो श्वांस श्वांस में न बिछुडे जन्मसात में,आरजू है मेरी ,रखें निज हाथ,हाथ में। है नेह तुमसे कितना , कैसे तुम्हें बताऊँ ।धड़कन में तुम बसे, दिल चीर कर दिखाऊँ।मेंहदी से रचो हाथ मे,बिंदी से सजो … Read more