भोर का तारा एक आशावादी कविता

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भोर का तारा पद्ममुख पंडा के द्वारा रचित आशावादी कविता है जिसमें उन्होंने प्रकृति का बेहद सुंदर ढंग से वर्णन किया है। साथ में यह भी बताया है कि किस तरह से रात्रि के बाद दिवस हो रहा है अभिप्राय दुख के बाद सुख का आगमन हो रहा है। भोर का तारा. एक आशावादी कविता … Read more

रानी दुर्गावती पर कविता

रानी दुर्गावती पर कविता- भारत में जब भी महिलाओं के सशक्तिकरण की बात होती है तो महान वीरांगना रानी दुर्गावती की चर्चा ज़रूर होती है। रानी रानी दुर्गावती न सिर्फ़ एक महान नाम है बल्कि वह एक आदर्श हैं उन सभी महिलाओं के लिए जो खुद को बहादुर मानती हैं रानी दुर्गावती पर कविता जब दुर्गावती रण … Read more

संविधान दिवस पर कविता

संविधान दिवस पर कविता हांमैं सेकुलर हूँसमता का समर्थक हूँमैं संविधान प्रस्त हूँसेकुलर होना गुनाह नहीं गुनाह हैसांप्रदायिक होनागुनाह हैजातिवादी होनागुनाह हैपितृसत्ता कासमर्थक होनागुनाह हैभाषावादी होनागुनाह हैक्षेत्रवादी होनागुनाह हैभेदभाव कापोषक होना। -विनोद सिल्ला©

विश्व मानवाधिकार दिवस पर कविता

विश्व मानवाधिकार दिवस पर कविता

विश्व मानवाधिकार दिवस पर कविता मिले कई अधिकार, जीवधारी को जग में|कुछ हैं ईश प्रदत्त, बने उपयोगी पग में |जीने का अधिकार, जगत में सबने पाया |भोजन पानी संग, भ्रमण का हक दिलवाया |अपने मन का नृप बने, जीव सभी इनसंसार में |अधिकारों का कर हनन, मस्त रहे व्यवहार में || अधिकारों कीइन 5 बात, … Read more

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कविता

हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कविता सच कहो,चाहे तख्त पलट दो, चाहे ताज बदल दोभले “साहब” गुस्सा हो, चाहे दुनिया इधर से उधर होतुम रहो या ना रहोपर, जब कुछ कहो तो, सच कहो। सच पर ही तो, न्याय टिका हैशासन खड़ा है, धर्म बना हैहे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ!सच से ही तुम होतो, अगर कुछ … Read more