सुंदर विश्व बनाएं मानव के हाथों में कुदालखोद रहा अपने पैरों से रहा अपनी जडे़ निकाल अपने अपने झगडे़ लेकरकरता नरसंहार हैविश्व शांति के लिए बसबना संयुक्त राष्ट्र है निःशस्त्रिकरण की ओट…
संयुक्त राष्ट्र पर कविता आसमान छूने की है तमन्ना, अंधाधुंध हो रहे अविष्कार! चूक गए तो विनाशकारीसफलता में जीवन उजियार! ! विज्ञान वरदान ही नहीं, अभिशाप भी है, कहीं नेकी करता तो कहीं…
वक़्त से मैंने पूछा वक़्त से मैंने पूछाक्या थोड़ी देर तुम रुकोगे ?वक़्त ने मुस्करायाऔरप्रतिप्रश्न करते हुएक्या तुम मेरे साथ चलोगे?आगे बढ़ गया…। वक़्त रुकने के लिए विवश नहीं…
दिखा दे अपनी मानवता लेकर कोई नहीं आया ,जीवन की अमरता ,क्षणभंगुर संसार में ,दिखा दे अपनी मानवता । देशकाल जाति पाति की ,दीवारों को तोड़कर ,छुआछूत ऊंच नीच की…
मैं हूं एक लेखनी मैं हूं एक लेखनी ,क्यों मुझे नहीं जानता ,निरादर किया जिसने ,जग में नहीं महानता।जिसने मुझे अपनाया ,हुआ वह बड़ा विद्वान ,जिसने किया आदर ,मिला यश…
वो है परमात्मा सारे जहाँ से ऊपरसारे धर्म,सम्प्रदाय,जाति से ऊपरपरम् सत्ता वो है परमात्मा कण-कण में व्याप्तविस्तृत,अतार्किकघोर तिमिर में जुगनू की तरह ईश्वर अदृश्य,अलौकिकअनन्त,सर्वव्यापीसंचालन कर्ता परमात्मा अखिल विश्व के हर एक पल में…
चित चोर राम पर कविता / रश्मि ramji par hindi kavita चित चोर कहो , न कुछ और कहो। मर्यादा पूरूषोत्तम है । हे सखी !सभी जो मन भायेवो मनभावन अवध किशोर कहो। चित…