03 जून विश्व साइकिल दिवस पर दोहे

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03 जून विश्व साइकिल दिवस पर दोहे पाँवगाड़ी साइकिल साधन एक है,सस्ता और आसान।जिसकी मर्जी वो चले, चल दे सीना तान।। बचपन साथी संग चढ़, बैठे मौज उड़ाय।धक्का दें साथी गिरे त, उसको खूब चिड़ाय।। आगे पीछे बीच में, तीन पीढ़ी बिठाय।हँसते गाते बढ़े चलें, देख लोग हरसाय।। खुद ढोती व बोझ संग, खर्चे भी … Read more

तिल-तिल कर हम जलना सीखें

तिल-तिल कर हम जलना सीखें जीवन दीप वर्तिका तन की, स्नेह हृदय में भरना सीखें।दानवता का तिमिर हटाने, तिल-तिल कर हम जलना सीखें। अमा निशासी घोर निशा हो, अन्धकारमय दसों दिशा हों।झंझा के झोंके हों प्रतिपल, फिर भी अविचल चलना सीखें ॥ तिल.. बीहड़ वन चाहे नद – नाले, शैल शृंगारभी बाधा डालें।कुश-कंटक-युत पंथ विकट … Read more

मानवता के खातिर अब वृक्ष लगाऐंगे

मानवता के खातिर अब वृक्ष लगाऐंगे।   कटेंगे वृक्ष , जंगल में तो, कैसे होगा विश्व में मंगल, बढ़ती जनसंख्या से हो रहा, जब संसार में मानव – दंगल। पर्यावरण समस्या को सुलझाऐंगे, मानवता के खातिर अब वृक्ष लगाऐंगे। मधुमक्खियों का शहद और चिड़ियों की आवाज, कंद – मूल फल में छिपाहै स्वस्थ सेहत का राज। … Read more

थाम लो सँभालकर देश की मशाल को

थाम लो सँभालकर देश की मशाल को हिन्द के बहादुरो शूरवीर बालको!थाम लो सँभाल कर देश की मशाल को! अन्धकार का गरूर आन-बान तोड़ दो,बालको, भविष्य के लिए मिसाल छोड़ दो,दो नयी-नयी दिशा वर्तमान काल को।थाम लो सँभाल कर देश की मशाल को! देश माँगता कि खून से रंगा गुलाब दो,तुम उठो सिपाहियो ! शत्रु … Read more