चमचा गिरि नही करूंगा
चमचा गिरि नही करूंगा जो लिखुंगा सत्य लिखुंगाचमचा गिरी नही करूंगा।कवि हूं कविता लिखुंगाराजनेता से नहीं बिकुंगा।। चापलुसी चमचा गिरी तोकिसी कवि का धर्म नहीं।अत्याचार मै नहीं सहूंगा।जो लिखुंगा सत्य लिखुंगा । राज नेता से नहीं बिकुंगा ।कवि हूं मैं, कविता लिखुंगा।। कवि धर्म कभी कहता नहींअतिशयोक्ति काब्य लिखुंगा।जो सच्चाई है वहीं लिखुंगा।राजनेता से नहीं … Read more