भारत मां के सपूत

भारत मां के सपूत                   (1)तिलक लगाकर चल, भाल सजाकर चल।माटी मेरे देश की, कफ़न लगाकर चल।देश में वीर योद्धा जन्मे, मच गई खलबल।भारत मां के सपूत है ,आगे चल आगे चल। (2)भगत ,चंद्रशेखर, सुखदेव थे क्रांतिकारी दल।अंग्रेजो के नाक में ,दम कर रखा था हरपल।देश आजादी पाने के लिए,बना लिए दलबल।भारत मां के सपूत है … Read more

वन्दे मातरम् गाऊँगा

mahatma gandhi

वन्दे मातरम् गाऊँगा बापू जी के चरखे को,मैं भी खूब घुमाऊँगा।सत्य-अहिंसा की बातें,सबको रोज सुनाऊँगा।। चाचा जी के लाल ग़ुलाब,बाग़-बगीचे में लगाउँगा।शीश झुकाकर चरणों में,लाल ग़ुलाब चढ़ाऊँगा।। पर्वत-घाटी ऊँचा चढ़कर,तिरंगा ध्वज फहराउंगा।चाहे दुनिया जो भी करले,    वन्देमातरम् गाऊँगा।।     ||स्वरचित||उमेश श्रीवास”सरल”मु.पो.+थाना-अमलीपदरविकासखण्ड-मैनपुरजिला-गरियाबंद,छत्तीसगढ़

बोझ पर कविता

बोझ पर कविता कभी कभीकलम भी बोझ लगने लगती हैजब शब्द नहीं देते साथअंतरभावों काउमड़ती पीड़ायें दफन हो जातीभीतर कहींउबलता है कुछधधकता हैज्वालामुखी सीविचारों के बवंडरभूकंप सा कंपाते हैमन मस्तिष्क कोऔर सारे तत्वों के बावजूदमन अकेला हो जाता हैउस माँ की तरहजो नौ महीने सहर्षभार ढोती ।उस पिता की तरहजो कंधे और झुकती कमर तकजिम्मेदारी … Read more

जीवनामृत मेरे श्याम

जीवनामृत  मेरे   श्याम :   — अमृत  कहाँ  ले  पाबे रे  मंथन  करे बगैर ।सद्ज्ञान नई मिले तोला साधन करे बगैर ।। मन  मंदराचल  बना ले  हिरदे  समुंद  कर ,मन  नई बँधावे  देख ले  बंधन करे बगैर ।। गुन  दोष  के सुतरी  ल बने  बांध  खिंच के ,मथ  रात दिन आठो पहर खंडन करे बगैर ।। … Read more

हिन्दी की बिंदी में शान

हिन्दी की बिंदी में शान हिन्दी भाषा की बिंदी  में शान।तिरंगे के गौरव गाथा की आन।।राजभाषा का ये पाती सम्मान।राष्ट्रभाषा से मेरा भारत महान ।। संस्कृत के मस्तक पर चमके।सिंधी,पंजाबी चुनरी में दमके।।बांग्ला,कोंकणी संग में थिरके।राजस्थानी चूड़ियों में खनके ।। लिपि देवनागरी रखती ध्यान।स्वर व्यंजन में है इसकी शान।।मात्राओं का हमें कराती ज्ञान।शब्द भंडार है … Read more